एक बार की बात है एक संत के पास उनका शिष्य पहुंचा और उनसे विनम्रता से कहा, मुझे मुक्ति का मार्ग बताएं। संत बोले, कब्रिस्तान जाओ और सारी कब्रों को गालियां देकर आओ। शिष्य ने संत के अनुसार ऐसा ही किया। अगले दिन वह शिष्य फिर संत के पास गया तब संत ने कहा, इस बार तुम फिर कब्रिस्तान जाओ …
Read More »Daily Archives: July 17, 2017
विद्वान और महान बनने का रहस्य
एक नवयुवक ने महान बनने का विचार किया। विश्वविद्यालय की शिक्षा प्राप्त करने के बाद उसने महान व्यक्तियों के बारे में पढ़ डाला। किसी ने गुरुमंत्र दिया- महान बनने के लिए महान लोगों के संपर्क में रहना आवश्यक है। अब नवयुवक ने उन सब लोगों के संपर्क में रहना शुरू कर दिया जो महान साहित्यकार, कलाकार, नेता, विचारक और वैज्ञानिक …
Read More »खोजिए जिंदगी के हर पल में खुशियां
iग्लैंड के प्रसिद्ध लेखक जॉन रस्किन एक समारोह में गए। उनके पास बैठी युवती के हाथ में एक सुंदर रूमाल था। उसे वह उपहार में मिला था। अचानक उस रूमाल पर कुछ गिर गया। उस पर गहरा धब्बा हो गया। वह सुंदर युवती परेशान हो गई। पास में बैठे रस्किन ने उस लड़की से कहा कि कुछ देर के लिए …
Read More »बस चले तो मैं सभी विचारवान व्यक्तियों को सफाई में लगा दूं
महात्मा गांधी की ख्याति न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व में है। वह जहां भी जाते थे लोग उनका बहुत स्वागत सत्कार करते थे और यही आलम भारत के विभिन्न शहरों और गांवो में भी था। एक बार पत्रकारों की गोष्ठी में बापू राजनीतिक प्रसंगो पर उत्तर दे रहे थे। उसी समय हास्य-विनोद की मुद्रा में एक पत्रकार ने बापू …
Read More »विश्व प्रेम की भावना से करें कर्म
मनाएँ शिवरात्रि 101 प्राचीन शिवलिंगों के अभिषेक साथ!
श्री नीलकंतेश्वर जी श्री रामेश्वर जी श्री गोपालेश्वर जी श्री पातालेश्वर जी श्री दशमेश्वर जी श्री घ्रनेश्वर जी श्री जागेश्वर जी श्री मामलेश्वर जी श्री केदारनाथ जी श्री महाकालेश्वर जी श्री राजेश्वर जी श्री मल्लिकार्जुन जी श्री विश्वनाथ जी श्री ब्रहमलेश्वर जी श्री बैजनाथ जी श्री भीमशंकर जी श्री सोमनाथ जी
Read More »सुखी जीवन का मूलमंत्र
जापान के सम्राट यामातो का एक राज्यमंत्री था। जिसका नाम था ‘ओ-चो-सान’। उसका परिवार सौहार्द के लिए बड़ा प्रसिद्ध था। हालांकि उसके परिवार में लगभग एक हजार सदस्य थे, पर उनके बीच एकता का अटूट संबंध था। सभी सदस्य साथ-साथ रहते और साथ-साथ ही खान खाते थे। फिर उनमें द्वेष कलह की बात ही कहां? ओ-चो-सान के परिवार के सौहार्द …
Read More »बनाना’ का पूछा था सवाल ‘शून्य’ का मिल गया उत्तर
महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन् के बचपन की एक दिलचस्प घटना है उनके अध्यापक गणित पढ़ा रहे थे। उन्होंने ब्लैक-बोर्ड पर तीन केले (बनाना) बनाए और पूछा, यदि हमारे पास तीन केले हों, और तीन ही विद्यार्थी हों तो प्रत्येक विद्यार्थी को कितने केले मिलेंगे? एक विद्यार्थी ने तुरंत उत्तर दिया, ‘सभी को एक-एक केला मिल जाएगा।’ अध्यापक ने कहा, ‘तुम …
Read More »जानिए महात्मा गांधी की नजर में धर्म का अर्थ
एक बार महामना मदनमोहन मालवीय, महात्मा गांधी व कुछ अन्य लोग धर्म पर चर्चा कर रहे थे। चर्चा के दौरान मालवीय जी ने गांधीजी से पूछा, ‘बापू आपकी दृष्टि में धर्म क्या है?’ तब गांधीजी बोले, मेरी दृष्टि से धर्म का अर्थ कर्तव्य है। समाज के हर व्यक्ति का अलग धर्म है। सैनिक का धर्म अपने राष्ट्र व समाज की …
Read More »एक नगरवधू की सीख ने मठाधीश को कर दिया लज्जित
पाटलिपुत्र की एक नगरवधू थी। उसकी सुंदरता की चर्चा दूर-दूर तक होती थी। उसकी एक मुस्कान पर बड़े-बड़े लोग सब कुछ लुटाने को तैयार रहते थे। एक दिन शाल्वन बुद्ध पीठ के मठाधीश वसंत गुप्त उधर से निकले तो नगरवधू पर उनकी नजर पड़ी। उन्होंने उसे देखा तो सब कुछ भूल गए। वे उसी संत वेश में नगरवधू के घर …
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