अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय का कार्यभार एक ऐसे व्यक्ति को सौंपा जो उनका कटु आलोचक था। वह व्यक्ति लिंकन के विरूद्ध कुछ न कुछ गलत बोला करता था। जब यह बात लिंकन के दोस्त को पता चली तो उन्होंने कहा, ‘क्या आप नहीं जानते कि जिसे आपने रक्षा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा है, वह कौन …
Read More »Daily Archives: September 11, 2017
जब गलती नहीं तो गलती की सजा क्यों
‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर ही रहेंगे’ यह ओजपूर्ण नारा देने वाले बालगंगाधर तिलक का जीवन भी इन्ही वाक्यों की तरह रहा है। बात उस समय की है जब बाल गंगाधर तिलक उम्र में छोटे थे। वह अपने विद्यालय में थे। उस समय सारे विद्यार्थी कक्षा में मूंगफली खा रहे थे। बच्चों ने मूंगफली के …
Read More »ज्ञान प्राप्ति के लिए मन में श्रद्धा होना जरूरी
एक बार बालक नचिकेता ने अपने पिता से कहा, आप ब्राह्मणों को कृषि कार्य के लिए अनुपयोगी गाय दान में दे रहे हैं। पिता ने यह नहीं कहा कि हां, यह ठीक नहीं है परंतु वे समझ गए कि यह मेरी निंदा कर रहा है, मेरा अनादर कर रहा है, मेरे कृत्य की भर्त्सना कर रहा है। नचिकेता ने पिता …
Read More »विक्रम-बेताल के रहस्यमयी कहानियां
प्राचीन काल में विक्रमादित्य नाम के एक आदर्श राजा हुआ करते थे। अपने साहस, पराक्रम और शौर्य के लिए राजा विक्रम मशहूर थे। ऐसा भी कहा जाता है कि राजा विक्रम अपनी प्राजा के जीवन के दुख दर्द जानने के लिए रात्री के पहर में भेष बदल कर नगर में घूमते थे। और दुखियों का दुख भी दूर करते थे। राजा …
Read More »नागाओं ने अलग देश की मांग की तो सांसत में आ गया था पूरा देश
भारत के सामने एक देश के रूप में जो चुनौतियां हैं, उनमें आतंकवाद सबसे ज्यादा हिंसक और खूंखार है। आजादी के बाद से ही कश्मीर पर कब्जे की लड़ाई में पाकिस्तान इस कार्ड को छद्म ढंग से खेलकर भारत को परेशान करता रहा है। मगर एक समय ऐसा भी था जब आतंकवाद कहीं पीछे छूट गया था और नईदिल्ली का …
Read More »सुख की तलाश में सुखी की खोज
राजा कुंवरसिंह जी बड़े अमीर थे। उन्हें किसी चीज की कमी नहीं थी। उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं था। बीमारी के मारे वे सदा परेशान रहते थे। कई वैद्यों ने उनका इलाज किया, लेकिन उनको कुछ फायदा नहीं हुआ। राजा की बीमारी बढ़ती गई। सारे नगर में यह बात फैल गई। तब एक बूढ़े ने राजा के पास आकर कहा, ‘महाराज, …
Read More »इन्होंने ऐसा क्यों कहा कि ऐसी शिक्षा किस काम की
एक बार खलीफा हारून-अल-रशीद बगदाद शहर का मुआएना करने निकले। रास्ते में उन्हें एक आलीशान इमारत दिखाई दी, जिस पर ‘मदरसा अब्बासिया’ की तख्ती लगी हुई थी। बादशाह ने मंत्री से पूछा, ‘हमारे शहजादे अमीन और मामून इसी मदरसे में तालीम पाते हैं ‘न’ ?’ मंत्री ने कहा, ‘जी हां’। खलीफा घोड़े से उतरे और मदरसे में प्रवेश किया। तब …
Read More »चालाकी का फल
एक थी बुढ़िया, बेहद बूढ़ी पूरे नब्बे साल की। एक तो बेचारी को ठीक से दिखाई नहीं पड़ता था ऊपर से उसकी मुर्गियाँ चराने वाली लड़की नौकरी छोड़ कर भाग गयी। बेचारी बुढ़िया! सुबह मुर्गियों को चराने के लिये खोलती तो वे पंख फड़फड़ाती हुई सारी की सारी बुढिया के घर की चारदीवारी फाँद कर अड़ोस पड़ोस के घरों में …
Read More »गोस्वामी तुलसीदासजी के जीवन के कुछ अनछुए पहलू
गोस्वामी तुलसीदास(1497-1623) एक महान कवि थे। उनका जन्म राजापुर गांव (वर्तमान बांदा जिला) उत्तर प्रदेश में हुआ था। अपने जीवनकाल में तुलसीदास जी ने 12 ग्रन्थ लिखे और उन्हें विद्वान होने के साथ ही अवधी और हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ कवियों में से एक माना जाता है। कहते हैं कि तुलसीदासजी महर्षि वाल्मीकि का अवतार थे जो मूल …
Read More »सचमुच! भक्त भी भगवान को देते हैं सीख
यह बात त्रेतायुग में उस समय की है जब केवट भगवान के चरण धो रहा हैं, वह भगवान राम का एक पैर धोते और उसे निकालकर कठौती से बाहर रख देते हैं। और जब दूसरा धोने लगता है तो पहला वाला पैर गीला होने से जमीन पर रखने से धूल भरा हो जाता है। केवट दूसरा पैर बाहर रखता है। …
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