प्रभु यीशु एक बार झील किनारे उपदेश दे रहे थे। उपदेश के कुछ अंश इस तरह हैं, एक किसान बहुत सारे बीज लेकर खेत में बोने के लिए निकला। बीज कुछ रास्ते में गिर गए तो कुछ पक्षियों ने चुग लिए। कुछ पथरीली जमीन पर गिरे तो कुछ नम जमीन पर गिरकर अंकुरित हो गए। चट्टान होने के कारण कुछ …
Read More »Daily Archives: September 19, 2017
बदलाव लाना है तो स्वयं से करें शुरुआत
प्रिय दोस्तों, जब मैं छोटा था तो आजाद था । मेरी कल्पना की कोई सीमा नहीं थी। तब मैं दुनिया को बदलने का सपना देखता था। जब मैं थोड़ा बड़ा और समझदार हुआ, तो मैं समझ गया कि दुनिया नहीं बदलने वाली, इसलिए मैंने अपने लक्ष्य को थोड़ा छोटा कर लिया और सिर्फ अपने देश को बदलने का फैसला किया, …
Read More »अर्जुन का घमंड कैसे हुआ चूर चूर
एक दिन भगवान् श्रीकृष्ण और अर्जुन टहलने निकल गए। रास्ते में उनकी भेंट एक निर्धन ब्राह्मण से हुई। उन्होंने उस ब्राह्मण को देखा कि वह ब्राह्मण बहुत ही निर्धन था और उसका व्यवहार भी थोड़ा विचित्र था। वह ब्राह्मण सूखी घास खा रहा था और उसकी कमर से तलवार लटक रही थी। लटकती हुई तलवार को देख अर्जुन थोड़ा चौंका …
Read More »जिंदगी में समस्याओं को उलझाएं नहीं बल्कि इस तरह सुलझाएं
एक व्यक्ति कहीं जा रहा था उसे हार्ट अटैक आ गया लेकिन वो बच गया। इस घटना के बाद उसे हर बात से डर लगने लगा। वह मनोवैज्ञानिक के पास गया और बोला, अज्ञात भयों के कारण मेरे जीवन में आनंद नहीं रह गया है। हर समय डर में जी रहा हूं। यह सुनकर मनोवैज्ञानिक बोले, ‘मैं अपने जीवन का …
Read More »काम का नजरिया बदलें, खुशियां रहेंगी हमेशा साथ
बात पुरानी है लेकिन है रोचक। एक बार एक मुनि तीर्थ यात्रा पर निकले, रास्ते में एक गांव आया। मुनि बहुत थक चुके थे। उन्होंने गांव में ही एक खेत के नजदीक बरगद के पेड़ के नीचे शरण ली। वहीं कुछ मजदूर पत्थर से खंभे बना रहे थे। मुनि ने पूछा, ‘यह क्या बन रहा है?’ एक मजदूर ने कहा, …
Read More »ओह! तो ये बात है, जिसे तुम अब तक ढो रहे हो
दो बौद्ध भिक्षु पहाड़ी पर स्थित अपने मठ की ओर जा रहे थे। रास्ते में एक गहरा नाला पड़ता था। वहां नाले के किनारे एक युवती बैठी थी, जिसे नाला पार करके मठ के दूसरी ओर स्थित अपने गांव पहुंचना था, लेकिन बारिश के कारण नाले में पानी अधिक होने से युवती नाले को पार करने का साहस नहीं कर …
Read More »न्याय देने के बाद लाओ-त्जु ने छोड़ दिया था न्यायाधीश का पद
एक बार चीन में लाओ-त्जु अपनी बुद्धिमत्ता के कारण बहुत प्रसिद्द हो गया। चीन के राजा ने लाओ-त्जु से अपने न्यायालय का प्रधान न्यायाधीश बनने का अनुरोध किया और कहा कि विश्व में आप जैसा बुद्धिमान और न्यायप्रिय कोई नहीं है। आप न्यायाधीश बन जाएंगे तो मेरा राज्य आदर्श राज्य बन जाएगा। लाओ-त्जु ने राजा को समझाने का …
Read More »संसार में ईमानदारी ही इंसान की सबसे बड़ी पूंजी
गोपाल कृष्ण गोखले भारत के ऐसे स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक थे। जो अपने साथियों के बीच अपनी ईमानदारी का पर्याय माने जाते थे। उनके बचपन का एक रोचक प्रसंग है। जो गोखले जी की ईमानदारी का एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण पेश करता है। जब वह महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के काटलुक गांव में एक प्राइमरी स्कूल पढ़ते थे। तब …
Read More »मरने से पहले जिंदगी से रू-ब-रू
करीब सौ साल पहले की बात है। एक आदमी सुबह सोकर उठा। उसने अखबार उठाया और रोज के मुताबिक खबरों में झांकने लगा। अचानक एक जगह वह चौंक उठा और उसने आंखे मसलकर दोबारा देखा। एक दम ठीक छपा था। स्मृति शेष कॉलम में उसे श्रद्धांजलि दी गई थी। खबर गलती से प्रकाशित थी, पर थी। उसे बहुत धक्का लगा …
Read More »उम्मीद और हौसले की मिसाल थीं विल्मा रुडोल्फ
विल्मा रुडोल्फ एक दिव्यांग महिला थीं, जिन्होंने अपने हौसले की दम पर ओलंपिक में गोल्ड मैडल जीता था। उनका जन्म 23 जून 1940, सेंट बेथलहम, टेनेसी में हुआ था। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के अंतर्गत ही आता है। रुडोल्फ की जीवनी काफी प्रेरक है। उनके लिए जो दिव्यांग हैं और उनके लिए जो दिव्यांग नहीं हैं। उन्हें ढाई साल की …
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