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Daily Archives: January 18, 2018

ईमानदारी पर कहानी

honesty - story

रामू काका अपनी ईमानदारी और नेक स्वाभाव के लिए पूरे गाँव में प्रसिद्द थे। एक बार उन्होंने अपने कुछ मित्रों को खाने पर आमंत्रित किया। वे अक्सर इस तरह इकठ्ठा हुआ करते और साथ मिलकर अपनी पसंद का भोजन बनाते। आज भी सभी मित्र बड़े उत्साह से एक दुसरे से मिले और बातों का दौर चलने लगा। जब बात खाने …

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मुफ्त में मिली वस्तु भी होती है कीमती

  एक शहर था, जहां एक बहुत धनी व्यक्ति रहता था। उसके कई व्यापार दूर देशों में भी चलते थे। उसके कई बगीचे भी थे, जहां हर तरह के फल लगते थे। जिसमें अनार के पेड़ बहुत ज्यादा थे। जिनको नियमित खाद-पानी उसके माली देते रहते थे। इस तरह उसकी आय दिन दुगनी और रात चौगुनी होती गई। उस रईस …

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यदि ऐसा करेंगे तो नहीं होंगे कभी परेशान

एक जंगल में कहीं से कौओं को एक जोड़ा उड़ता हुआ आया और एक ऊंचे पेड़ पर घोंसला बनाने में जुट गया। कौओं को घोंसला बनाता देख। उस पेड़ के नीचे रहने वाली एक चूहे ने कहा, ‘देखो भाई! इस पेड़ पर घोंसला बनाना सुरक्षित नहीं है।’ कौए ने कहा, ‘तो फिर हम कहां बनाएं घोंसला?’ चूहे ने कहा, ‘यह पेड़ …

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दुनिया के सात आश्चर्य

गाँव के स्कूल में पढने वाली छुटकी आज बहुत खुश थी, उसका दाखिला शहर के एक अच्छे  स्कूल में क्लास 6 में हो गया था। आज स्कूल का पहला दिन था और वो समय से पहले ही तैयार हो कर बस का इंतज़ार कर रही थी। बस आई और छुटकी बड़े उत्साह के साथ उसमे सवार हो गयी। करीब 1 घंटे …

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तीसरी बकरी

रोहित और मोहित बड़े शरारती बच्चे थे, दोनों 5th स्टैण्डर्ड के स्टूडेंट थे और एक साथ ही स्कूल आया-जाया करते थे। एक दिन जब स्कूल की छुट्टी हो गयी तब मोहित ने रोहित से कहा, “ दोस्त, मेरे दिमाग में एक आईडिया है?” “बताओ-बताओ…क्या आईडिया है?”, रोहित ने एक्साईटेड होते हुए पूछा। मोहित- “वो देखो, सामने तीन बकरियां चर रही …

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ये 3 शस्त्र कर सकते हैं विरोधियों को परास्त

  एक राजा था। लेकिन उसके राज्य में आंतिरिक शत्रु प्रहार करते रहते थे। ऐसे में वह खुद को असुरक्षित समझता था। बात उन दिनों की है जब उस राजा के राज्य में एक संत आए। राजा उन संत से मिलने गए। संत ने राजा की पूरी बात सुनी और कहा तुम्हें भी अपने छिपे हुए शत्रुओं से सामना करना …

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सकारात्मक सोच पर प्रेरणादायक कहानी

कैसोवैरी चिड़िया को बचपन से ही बाकी चिड़ियों के बच्चे चिढाते थे। कोई कहता, ” जब तू उड़ नहीं सकती तो चिड़िया किस काम की।”, तो कोई उसे ऊपर पेड़ की डाल पर बैठ कर चिढाता कि,” अरे कभी  हमारे पास भी आ जाया करो…जब देखो जानवरों की तरह नीचे चरती रहती हो…” और ऐसा बोलकर सब के सब खूब …

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बंदों के दिल में रहता है खुदा

सूफी फकीर जुन्नैदा से किसी ने पूछा, ‘खुदा है तो दिखाई क्यों नहीं देता?’ जुन्नैदा ने कहा, ‘खुदा कोई वस्तु नहीं है। वह अनुभूति है।’ उसे देखने के लिए कोई उपाय नहीं है। हां, उसे अनुभव जरूर किया जा सकता है। फकीर की ये बातें उस व्यक्ति को संतुष्ट नहीं कर सकीं। उसने फिर कहा, ‘ऐसा कैसे है? क्या ये …

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डाँकू रत्नाकर और देवऋषि नारद | उपनिषद् की कहानियां

  बहुत समय पहले की बात है किसी राज्य में एक बड़े ही खूंखार डाँकू  का भय व्याप्त था।  उस डाँकू का नाम रत्नाकर था।  वह अपने साथियों के साथ जंगल से गुजर रहे राहगीरों को लूटता और विरोध करने पर उनकी हत्या भी कर देता।  एक बार देवऋषि नारद भी उन्ही जंगलों से भगवान का जप करते हुए जा रहे …

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गांधीजी को यूं ही नहीं कहते हैं महात्मा

  महात्मा गांधी जी छुआछूत के खिलाफ थे। एक बार उन्होंने अपने आश्रम में दलित और सवर्ण के विवाह की अनुमति दी। हालांकि उस समय भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की अगुआई कर रही कांग्रेस गांधी जी द्वारा दलितों के सामाजिक उत्थान हेतु चलाये गये इन कदमों से सहमति नहीं रखती थी क्योंकि उसका मानना था कि ‘सामाजिक सुधार’ को ‘स्वतंत्रता आन्दोलन’ …

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