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Daily Archives: January 23, 2018

मानवीय संवेदनाओं को झकझोरती एक दुःख भरी कहानी

मैं थक-हार कर काम से घर वापस जा रहा था। कार में शीशे बंद होते हुए भी..जाने कहाँ से ठंडी-ठंडी हवा अंदर आ रही थी…मैं उस सुराख को ढूंढने की कोशिश करने लगा..पर नाकामयाब रहा। कड़ाके की ठण्ड में  आधे घंटे की ड्राइव के बाद मैं घर पहुंचा… रात के 12 बज चुके थे,  मैं घर के बाहर कार से आवाज …

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x माइकल की जिज्ञासा ने बनाया उसे महान वैज्ञानिक

लंदन की एक बस्ती में एक अनाथ बच्चा रहता था। वह अखबार बेचकर किसी तरह अपना गुजारा करता था। कुछ समय बाद उसे एक किताब की दुकान पर जिल्द चढ़ाने का काम मिल गया। उस बालक को पढ़ने का बहुत शौक था। वह पुस्तकों पर जिल्द चढ़ाते समय महत्वपूर्ण बातें और जानकारियां अक्सर पढ़ता रहता था। एक दिन जिल्द चढ़ाते …

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बहाने नहीं, अवसर खोजिए

एक गांव था। उस गांव में लोग श्रमदान से चौपाल बना रहे थे। गांव के सभी लोग काम में लगे हुए थे। लेकिन वहां एक व्यक्ति उदास खड़ा हुआ था। गांव के सरपंच ने जब यह देखा तो वो उस व्यक्ति के पास गए। सरपंच ने उस व्यक्ति से कहा, ‘आपको काम में हाथ बंटाना चाहिए।’ उस व्यक्ति ने कहा,’सरपंच …

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शिक्षक को पता था बच्चा देश भक्त बनेगा

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के काटलुक गांव में एक प्राईमरी स्कूल था। कक्षा चल रही थी। अध्यापक ने बच्चों से एक प्रश्न किया यदि तुम्हें रास्ते में एक हीरा मिल जाए तो तुम उसका क्या करोगे? एक बालक ने कहा, मैं उसे बेच कर धनवान बन जाउंगा। किसी ने कहा कि वह उसे बेच विदेश यात्रा करेगा। लेकिन एक बालक …

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कैसे भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश हाथों में जाने से बच गई –

  हमें भारतीय सेना पर हमेशा से ही गर्व रहा है क्योंकि भारतीय सेना में ऐसे लाखों नायक है जो हमेशा देश के लिए प्राण न्योछावर करने तैयार रहते है| हम हैप्पीहिंदी.कॉम पर ऐसे ही एक नायक की कहानी share कर रहें है, जिनकी बदौलत भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश हाथों में जाने से बच गई: A STORY OF BRAVE …

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लालच पर हिंदी कहानी

एक बार की बात है एक बढ़ई था। वह दूर किसी शहर में एक सेठ के यहाँ काम करने गया। एक दिन काम करते-करते उसकी आरी टूट गयी। बिना आरी के वह काम नहीं कर सकता था, और वापस अपने गाँव लौटना भी मुश्किल था, इसलिए वह शहर से सटे एक गाँव पहुंचा। इधर-उधर पूछने पर उसे लोहार का पता …

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मैं जो कल था आज नहीं

एक बौद्ध धर्मगुरु थे। उनके दर्शनों के लिए लोग अक्सर आश्रम में आते थे। स्वामीजी बड़ी उदारता से सबसे मिलते-बात करते और उनकी समस्याओं का समाधान करते। रोज स्वामीजी के पास दर्शनार्थी की भीड़ लगी रहती थी। स्वामीजी की प्रशंसा सुनकर एक साधारण ग्रामीण बहुत प्रभावित हुआ। वह भी स्वामीजी के दर्शानार्थ आश्रम पहुंचा। स्वामी जी की अलौकिक छबि की …

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ऐसे होने चाहिए प्रभु के सेवक

हजरत इब्राहीम बलख के बादशाह थे। उन्होंने एक बार एक गुलाम खरीदा। अपनी स्वाभाविक उदारता से उन्होंने प्रश्न किया, ‘तेरा नाम क्या है?’ गुलाम ने उत्तर दिया, जिस नाम से बुलाएं, वही मेरा नाम होगा मालिक। बादशाह ने पूछा, तुम क्या खाओगे? गुलाम ने कहा, जो आप खिलाएं। बादशाह ने पूछा, तुम्हें किस तरह के कपड़े पसंद हैं? गुलाम ने …

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गरीब विद्वान व राजा भोज कैसे बन गए भाई-भाई

  कई वर्ष पहले धार में राजा भोज का शासन था। उस राज्य में एक गरीब विद्वान रहता था। आर्थिक तंगी से घबराकर एक दिन विद्वान की पत्नी ने उससे कहा-आप राजा भोज के पास क्यों नहीं जाते? वह विद्वानों का बड़ा आदर करते हैं। हो सकता है आपकी विद्वता से प्रभावित होकर वह आपको ढेर सारा धन दे दें। …

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राजा की समझ पर क्यों लौटी सेना

एक दिन महात्मा जी भिक्षा मांगने जा रहे थे, सड़क पर एक सिक्का दिखा, जिसे उठाकर उन्होंने झोली में रख लिया। उमके साथ जा रहे दोनों शिष्य इससे हैरान हो गए। वे मन में सोच रहे थे कि काश सिक्का उन्हें मिलता, तो वे बाजार से मिठाई ले आते। महात्मा जी जान गए। वह बोले यह साधारण सिक्का नहीं है, …

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