Breaking News

Chanakya

एक सकारात्मक दृष्टिकोण

एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी ने प्रवेश किया. राजा भोज की दृष्टि उस पर पड़ी तो उसे देखते ही अचानक उनके मन में विचार आया कि कुछ ऐसा किया जाए ताकि इस व्यापारी की सारी संपत्ति छीनकर राजकोष में जमा कर दी जाए.व्यापारी जब तक वहां रहा भोज का मन रह रहकर उसकी संपत्ति को हड़प …

Read More »

शब्द का संबोधन

samundar-raam

सागर द्वारा श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का संबोधनपिछले अंक में सागर ने श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का दो बार...

Read More »

माँ दुर्गा जी

परम आदर्णीय माँ दुर्गा जी को चरण स्पर्श स्वीकार हो भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने बालीं माँ दुर्गा जी की सारे संसार में हरपल जय हो

Read More »

मौन पर बुद्ध कहानी

shikari-budhh-story

आश्रम के सभी बच्चे जब दूसरे कामों में लगे होते थे तो एक बच्चा एक कोने में बैठा चुपचाप अपने आप में खोया रहता था। वो अक्सर किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। आश्रम की सभी जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद जहाँ सभी बच्चे पूरे दिन की घटनाओं की चर्चा करने लगते हैं, वही पर वो शांत रहने वाला …

Read More »

औरत पुरुष की हर परेशानी को हर लेती है

औरत, कुदरक का दिया हुआ वो वरदान है, जो जिंदगी मे आ जाये तो! अपने प्रेम की अमृत धारा से जीवन को प्रेम से भर देती है, हर जख्म पर प्यार का मरहम लगाकर जीवन संवार देती है!औरत का मन सागर की तरह गहरा होता है, जिसमे ना जाने कितने सुख, दुःख छुपाये रहती है, फिर भी अपने परिवार को …

Read More »

गंगा नदी

गंगा जयंती हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व है | वैशाख शुक्ल सप्तमी के पावन दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई इस कारण इस पवित्र तिथि को गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता है | गंगा जयंती के शुभ अवसर पर गंगा जी में स्नान करने से सात्त्विकता और पुण्यलाभ प्राप्त होता है | वैशाख शुक्ल सप्तमी का दिन संपूर्ण …

Read More »

संयम और सदाचार

भगवान् महावीर अपने उपदेशों में आत्मा की शुद्धि पर विशेष ध्यान देने की प्रेरणा दिया करते थे। उन्होंने अपने शिष्यों से कहा, ‘अहिंसा, संयम, तप, क्षमा, स्वाध्याय से आत्मा शुद्ध होती है। आत्मा को जानने के तीन साधन हैं-सम्यक ज्ञान, सम्यक दर्शन और सम्यक चरित्र। जो राग-द्वेष, मोह-मद आदि विकारों को जीत लेता है, वह स्वयं ही आत्मा से परमात्मा …

Read More »

प्राणी में भगवान्

अफ्रीका के एक गाँव में जन्मे आगस्टाइन जन्मजात प्रतिभाशाली थे। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे अमेरिका की मिलान यूनिवर्सिटी में शिक्षक नियुक्त हुए। वे ‘खाओ-पीओ मौज करो’ के सिद्धांत में विश्वास रखते थे और असंयम व स्वेच्छाचारी जीवन बिताते थे। एक दिन वे ईसाई प्रचारक पादरी एंबोसे के सत्संग में गए। मनुष्य को असत्य, हिंसा, यौनाचार आदि का …

Read More »

कड़वी वाणी करती हानि इसलिए सदैव मीठा ही बोलिए

सुंदर नगर में एक सेठ रहते थे | उनमें हर गुण था – नहीं था तो बस खुद को संयम में रख पाने का गुण | जरा-सी बात पर वे बिगड़ जाते थे | आसपास तक के लोग उनसे परेशान थे | खुद उनके घर वाले तक उनसे परेशान होकर बोलना छोड़ देते | किंतु, यह सब कब तक चलता …

Read More »