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Do you Know?

शब्द का संबोधन

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सागर द्वारा श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का संबोधनपिछले अंक में सागर ने श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का दो बार...

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एक अद्धभुत प्रसंग

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एक बार शरद पूर्णिमा की शरत-उज्ज्वल चाँदनी में वंशीवट यमुना के किनारे श्याम सुंदर साक्षात मन्मथनाथ की वंशी बज उठी। श्रीकृष्ण ने छ: मास की एक..

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दुष्ट लोग इतने सुखी

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कथा लंबी हैं किंतु ज्ञान के चक्षु खुल जाएंगे आपके।पापी मौज में, पुण्यात्मा कष्ट में. ये कैसा न्याय! ईश्वर हैं भी या नहीं! स्कन्द पुराण की....

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पति-पत्नी की कहानी

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जानकी...आखिर बात क्या है कल से देख रहा हूं तुम बार बार छत पर जाती हो ...कयी बार छत से चढ़ते उतरते हुए देखकर आखिरकार रामेश्वर बाबू ने अपनी पत्नी जानकी से पूछा ही लिया.. कुछ नहीं

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सास बहु और ठाकुर जी

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सासु माँ ने विचार किया के ठाकुर जी की सेवा का कार्य अब बहु को देना पड़ेगा लेकिन बहु को तो कोई अक्कल है ही नहीँ के ठाकुर जी की सेवा कैसे करनी हैँ।

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दारा सिंह v/s किंग कॉग

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दारा सिंह, भारतीय सिनेमा और टेलीविज़न के अभिनेता, प्रोफेशनल पहलवान, फ़िल्म निर्देशक, और राजनीतिक व्यक्ति थे। वे बड़ी पुनेर्जीलीला पहलवान रहे हैं और उन्हें भारतीय पहलवानों में से एक माना जाता है। उनका जन्म 19 नवंबर 1928 को धारमपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था और उनका नाम दीरा सिंह था। दारा सिंह ने अपने पहले बड़े अभिनय करियर का …

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महाराणा प्रताप

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उनके कद,उनके वजन ,उनके भाले,उनके घोड़े पर लिखते हुए! क्या इसी आधार पर कोई व्यक्ति सम्मानित हो जाता है ? व्यक्ति सम्मान का पात्र होता है अपने कर्म और चरित्र की वजह है ।

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यादों के खज़ाने: एक अनमोल संग्रह

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मेरे पास इधर उधर जाने के लिए फ़ालतू का टाइम नहीं है। आपको पता है ना मेरा टाइम कितना कीमती है।" मैं बिफ़र पड़ा। आये दिन माँ का यही सब चलता रहता है। कभी अपने पास बिठला कर खाना खाने को बोलेंगीं कभी पार्क में साथ टहलने को। रात में तो अक्सर वो मुझे टी वी देखने के बहाने सारे दिन की बातें सुनाने के लिए अपने पास बुलाएंगी। पता नहीं क्या चाहतीं हैं। बड़ा हो गया हूँ जरा सा लल्ला नहीं हूँ जो हरदम उनके आगे पीछे घूमता रहूँ। "बेकार का टाइम नहीं है। बहुत कीमती है मेरा टाइम।" हर बार ऐसा ही टका सा जवाब देकर पल्ला झाड़ लेता। माँ भी हर बार सुना अनसुना करके अपने काम में लग जातीं पर आज माँ को शायद कुछ बुरा, बहुत बुरा सा लगा। वो चुपचाप अपने कमरे में चलीं गयीं।

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