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OSHO

मैं निपट अज्ञानी हूं

मैं निपट अज्ञानी हूंमैंने सुना है, एक सूफी फकीर के आश्रम में प्रविष्ट होने के लिये चार स्त्रियां पहुंचीं। उनकी बड़ी जिद थी, बड़ा आग्रह था। ऐसे सूफी उन्हें टालता रहा, लेकिन एक सीमा आई कि टालना भी असंभव हो गया। सूफी को दया आने लगी, क्योंकि वे द्वार पर बैठी ही रहीं – भूखी और प्यासी; और उनकी प्रार्थना …

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बाहर की दुनिया

कवि गालिब को एक दफा बहादुरशाह ने भोजन का निमंत्रण दिया था। गालिब था गरीब आदमी। और अब तक ऐसी दुनिया नहीं बन सकी कि कवि के पास भी खाने-पीने को पैसा हो सके। अच्छे आदमी को रोजी जुटानी अभी भी बहुत मुश्किल है।गालिब तो गरीब आदमी थे। कविताएं लिखी थीं, ऊँची कविताएं लिखने से क्या होता है? कपड़े उसके …

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परमात्मा कहां है?

हसीद फकीर हुआ, बालसेन। उससे मिलने कुछ औरहसीद फकीर आए हुए थे। चर्चा चल पड़ी—— एक बड़ी दार्शनिक चर्चा ——परमात्मा कहां है?किसी ने कहा, पूरब में, क्योंकि पूरब से सूरज ऊगता है। और किसी ने कहा कि जेरूसलम में, क्योंकि यहूदी ही परमात्मा के चुने हुए लोग हैं, और परमात्मा ने ही मूसा के द्वारा यहूदियों को जेरूसलम तक पहुंचाया। …

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उड़े बिना जीवन में कोई गति नहीं है।

कुछ वर्ष पहले पहलगांव (कश्मीर) में एक घटना घटी, जो मुझे भूले नहीं भूलती। एक वृक्ष के नीचे बैठा था। ऊंचाई पर वृक्ष में छोटा—सा एक घोंसला था, और जो घटना उस घोंसले में घट रही थी उसे मैं देर तक देखता रहा, क्योंकि वही घटना शिष्य और गुरु के बीच घटती है। कुछ ही दिन पहले अंडा तोड़कर किसी …

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कोल्हू का बैल

मैंने सुना है, एक दार्शनिक, एक तार्किक, एक महापंडित सुबह-सुबह तेल खरीदने तेली की दुकान पर गया। विचारक था, दार्शनिक था, तार्किक था, जब तक तेली ने तेल तौला, उसके मन में यह सवाल उठा–उस तेली के पीछे ही कोल्हू का बैल चल रहा है, तेल पेरा जा रहा है–न तो उसे कोई चलाने वाला है, न कोई उसे हांक …

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किसकी प्रतीक्षा कर रहे हो

किसकी प्रतीक्षा कर रहे होएक बड़ी प्रसिद्ध सूफी कथा है। सम्राट सोलोमन सुबह—सुबह सोकर उठा ही था कि उसके एक वजीर ने घबड़ाए हुए भीतर प्रवेश किया। वह इतना घबड़ाया था, सुबह—सुबह की ठंडी हवा थी, शीतल मौसम था चारों तरफ, लेकिन वजीर पसीने से लथपथ था। सोलोमन ने पूछा, क्या हुआ?बिना पूछे एकदम भीतर चले आए और इतने घबड़ाए …

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खेल सारा मन का है

चेखोव रूस का एक बहुत बड़ा लेखक हुआ। उसने अपने संस्मरणों के आधार पर एक कहानी लिखी। उसके मित्र का लड़का कोई दस साल पहले घर से भाग गया। मित्र धनी था। लेकिन जैसे अक्सर धनी होते हैं, महा-कृपण था। और लड़के को बाप के साथ रास न पड़ी। तो लड़का घर छोड़ कर भाग गया।एक ही लड़का था। जब …

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अंतिम सत्य

ऐसी उपनिषद में प्यारी कथा है। याज्ञवल्क्य छोड़ कर जा रहा है। जीवन के अंतिम दिन आ गए हैं और अब वह चाहता है कि दूर खो जाए किन्हीं पर्वतों की गुफाओं में। उसकी दो पत्नियां थीं और बहुत धन था उसके पास। वह उस समय का प्रकांड पंडित था। उसका कोई मुकाबला नहीं था पंडितों में। तर्क में उसकी …

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एक लाख आदमी मर जाएं तुम्हारे हाथ से गिराए बम से

hiroshima & Nagashaki

जिस आदमी ने हिरोशिमा पर ऐटम बम गिराया और एक ऐटम बम के द्वारा एक लाख आदमी दस मिनिट के भीतर राख हो गए, वह वापिस लौट कर सो गया। जब सुबह उससे पत्रकारों ने पूछा कि तुम रात सो सके? उसने कहा, क्यों? खूब गहरी नींद सोया! आज्ञा पूरी कर दी, बात खत्म हो गई। इससे मेरा लेना—देना ही …

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शंकर की आधी प्रतिमा पुरुष की है और आधी स्त्री की – अर्धनारीश्वर

शंकर की आधी प्रतिमा पुरुष की है और आधी स्त्री की – अर्धनारीश्वर – यह तो अनूठी घटना है। लेकिन जो जीवन के परम रहस्य में जाना चाहते है, उन्हें शिव के इस रूप को समझना पड़ेगा। अर्धनारीश्वर का अर्थ यह हुआ कि आपका ही आधा व्यक्तित्व आपकी पत्नी और आपका ही आधा व्यक्तित्व आपका पति हो जाता है। आपकी …

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