, जो एक जनेऊ हनुमान जी के लिए ले आये थे। संयोग से मैं उनके ठीक पीछे लाइन में खड़ा था, मेंने सुना वो पुजारी से कह रहे थे कि वह स्वयं का काता (बनाया) हुआ जनेऊ हनुमान जी को पहनाना चाहते हैं, पुजारी ने जनेऊ तो ले लिया पर पहनाया नहीं। जब ब्राह्मण ने पुन: आग्रह किया तो पुजारी बोले यह तो हनुमान जी का श्रृंगार है इसके लिए बड़े पुजारी (महन्त) जी से अनुमति लेनी होगी,
Read More »Gyan Ki Baat
पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय – 6
नारदजी बोले– भगवान् गोलोक में जाकर क्या करते हैं ? हे पापरहित! मुझ श्रोता के ऊपर कृपा करके कहिये ॥ १ ॥ श्रीनारायण बोले – हे नारद! पापरहित! अधिमास को लेकर भगवान् विष्णु के गोलोक जाने पर जो घटना हुई वह हम कहते हैं, सुनो ॥ २ ॥ उस गोलोक के अन्दर मणियों के खम्भों से सुशोभित, सुन्दर पुरुषोत्तम के धाम …
Read More »पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय – 5
adhik mas:- मल मास द्वारा अपने मर जाने की प्रार्थना भगवन श्री हरि को करना देवऋषि नारद जी ने भगवान श्री नारायण से पूछा:- हे महाभाग ! चरणों में पड़े अधिक मास को भगवान श्री हरि ने क्या उतर दिया और उससे क्या क्या कहा था? वह सम्पूर्ण वृतांत कृपा करके मुझसे विस्तारपूर्वक कहिये . हे अर्जुन! बैकुण्ठ का वृत्तान्त हम तुम्हारे सम्मुख …
Read More »पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय – 3
अधिक मास माहात्म्य, तृतीय अध्याय, मल मास का बैकुठ में जाना सूतजी के श्री मुख से पवन कथा सुनते हुए ऋषि बोले:- हे महाभाग! नर के मित्र नारायण नारद के प्रति जो शुभ वचन बोले, वह आप विस्तार पूर्वक हमसे कहें । हे नारद! पहले महात्मा श्रीकृष्णचन्द्र ने राजा युधिष्ठिर से जो कहा था वह मैं कहता हूँ सुनो । …
Read More »सौ रोगों की एक दवाई हवा धूप मेरे भाई
प्राकृतिक चिकित्सा का यह उद्घोष वाक्य संसार के पुस्तकालय की सबसे प्राचीनतम पुस्तकों में से एक अर्थववेद से निकला | साफ हवा ,सूर्य का प्रकाश सबसे बड़ा डिसइनफेक्टेंट है… संक्रमण , संक्रमण के लिए जिम्मेदार कारकों को नष्ट करने वाला| सनातन वैदिक संस्कृति में सूर्य को जड़ देवताओं में पिता की संज्ञा दी गई है पिता… का संस्कृत धातु में …
Read More »लड़कियों को वो लड़के चाहिए
सूरी बहुत सिंपल सा इंसान है, जिंदगी बहुत नाप तौल कर बिताई है उसने। मेहनत से पढ़ाई की, मेहनत से नौकरी कर रहा है। लोगो से नर्म लहजे में बात करता है, फॉर्मल पैंट के नीचे स्पोर्ट शूज पहनता है। कोई बुरी आदत नही है सूरी के अंदर, बस कभी कभार अपने बचपन के दोस्त के साथ लिटिल लिटिल ले …
Read More »आपका स्वास्थ्य और सिंघाड़ा
सर्दियों में हरी सब्जियों के साथ सिंघाड़ा भी आ चुका है। यह केवल स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत और स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है।आयुर्वेद के अनुसार सिंघाड़े में भैंस के दूध की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक खनिज लवण और क्षार तत्व पाए जाते हैं। यह ताकतवर और पौष्टिक तत्वों का खजाना है। इसमें तमामऔषधीय गुण पाये जाते …
Read More »आचार्य सुश्रुत शल्य चिकित्सा (सर्जरी) के जनक
शल्य चिकित्सा (सर्जरी) के पितामह और सुश्रुतसंहिता के प्रणेता आचार्य सुश्रुत का जन्म छठी शताब्दी ईसा पूर्व काशी में हुआ था। सुश्रुत का जन्म विश्वामित्र के वंश में हुआ था। इन्होंने धन्वन्तरि से शिक्षा प्राप्त की थी। सुश्रुतसंहिता को भारतीय चिकित्सा पद्धति में विशेष स्थान प्राप्त है। इसमें शल्य चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाया गया है। शल्य …
Read More »गले में होने वाला कष्टदायक रोग
टॉन्सिलाइटिस गले में टॉन्सिल की समस्या लोगों में आम देखने को मिलती है। इस बीमारी में गले के अंदर दोनों तरफ मांस में गांठ बन जाती है। इसके कारण गले में सूजन, तेज दर्द और बोलने में परेशानी हो जाती है। इसके अलावा इससे खाने का स्वाद भी नहीं पता चलता। इंफेक्शन, बैक्टीरिया, गलत खान-पान या मौसम के बदलाव के …
Read More »घमंड अब चूर चूर हो गया
सूरजभान जी हमेशा अपनी गर्दन अकड़ के चलते थे । जब भी कोई पार्क में मिल जाता तो बस अपने दामाद के गुण गाने लग जाते । देखो मेरे दामाद ने इस बार अमेरिका से ये भिजवाया है । क़सूर इनका भी नही है , जब बिना हाथ पैर मारे इतना अच्छा दामाद मिल जाए , तो लॉटरी से कम …
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