Breaking News

मेरी आँखें नीचे झुक जाती हैं

Raheem Ki Story
Raheem Ki Story

रहीम एक बहुत बड़े दानवीर थे। उनकी ये एक खास बात थी कि जब वो दान देने के लिए हाथ आगे बढ़ाते तो अपनी नज़रें नीचे झुका लेते थे।
ये बात सभी को अजीब लगती थी कि ये रहीम कैसे दानवीर हैं। ये दान भी देते हैं और इन्हें शर्म भी आती है।
ये बात जब तुलसीदासजी तक पहुँची तो उन्होंने रहीम को चार पंक्तियाँ लिख भेजीं जिसमें लिखा था –
ऐसी देनी देन जु
कित सीखे हो सेन।
ज्यों ज्यों कर ऊँचौ करौ
त्यों त्यों नीचे नैन।।
इसका मतलब था कि रहीम तुम ऐसा दान देना कहाँ से सीखे हो? जैसे जैसे तुम्हारे हाथ ऊपर उठते हैं वैसे वैसे तुम्हारी नज़रें तुम्हारे नैन नीचे क्यूँ झुक जाते हैं?
रहीम ने इसके बदले में जो जवाब दिया वो जवाब इतना गजब का था कि जिसने भी सुना वो रहीम का कायल हो गया।
इतना प्यारा जवाब आज तक किसी ने किसी को नहीं दिया।
रहीम ने जवाब में लिखा –
देनहार कोई और है
भेजत जो दिन रैन।
लोग भरम हम पर करैं
तासौं नीचे नैन।।
मतलब, देने वाला तो कोई और है वो मालिक है वो परमात्मा है वो दिन रात भेज रहा है। परन्तु लोग ये समझते हैं कि मैं दे रहा हूँ रहीम दे रहा है। ये सोच कर मुझे शर्म आ जाती है और मेरी आँखें नीचे झुक जाती हैं।

Check Also

khilji

भ्रष्ट्राचारियों के साथ कैसा बर्ताव होना चाहिए?

भ्रष्ट्राचारियों के साथ कैसा बर्ताव होना चाहिए, उसका उदाहरण हमारे इतिहास में घटी एक घटना से मिलता है। यह सजा भी किसी राजा या सरकार द्वारा नही बल्कि उसके परिजन द्वारा ही दी गई।