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Tag Archives: कहानी

पति-पत्नी की कहानी

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जानकी...आखिर बात क्या है कल से देख रहा हूं तुम बार बार छत पर जाती हो ...कयी बार छत से चढ़ते उतरते हुए देखकर आखिरकार रामेश्वर बाबू ने अपनी पत्नी जानकी से पूछा ही लिया.. कुछ नहीं

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राहचबेनी: एक अनूठी क़हानी

यह कहानी दिखाती है कि जीवन के अंत में भी कैसे एक इंसान दूसरों के लाभ के लिए कुछ कर सकता है। सावित्रीदेवी की इच्छा और मदन का समर्पण इस कहानी को अद्वितीय बनाता है।

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यादों के खज़ाने: एक अनमोल संग्रह

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मेरे पास इधर उधर जाने के लिए फ़ालतू का टाइम नहीं है। आपको पता है ना मेरा टाइम कितना कीमती है।" मैं बिफ़र पड़ा। आये दिन माँ का यही सब चलता रहता है। कभी अपने पास बिठला कर खाना खाने को बोलेंगीं कभी पार्क में साथ टहलने को। रात में तो अक्सर वो मुझे टी वी देखने के बहाने सारे दिन की बातें सुनाने के लिए अपने पास बुलाएंगी। पता नहीं क्या चाहतीं हैं। बड़ा हो गया हूँ जरा सा लल्ला नहीं हूँ जो हरदम उनके आगे पीछे घूमता रहूँ। "बेकार का टाइम नहीं है। बहुत कीमती है मेरा टाइम।" हर बार ऐसा ही टका सा जवाब देकर पल्ला झाड़ लेता। माँ भी हर बार सुना अनसुना करके अपने काम में लग जातीं पर आज माँ को शायद कुछ बुरा, बहुत बुरा सा लगा। वो चुपचाप अपने कमरे में चलीं गयीं।

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कौन मां है और कौन बेटी है

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एक बार एक राजा के महल में एक व्यापारी दो गायों को लेकर आया। दोनों ही स्वस्थ, सुंदर व दिखने में लगभग एक जैसी थीं। व्यापारी ने राजा से कहा- “महाराज! ये दोनों गायें माँ – बेटी हैं, परन्तु मुझे यह नहीं पता है कि दोनों में माँ कौन है और बेटी कौन है। मैं इसलिए नहीं जान पाया क्योंकि …

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जैसी करनी बैसि भरनी

एक कारोबारी सेठ सुबह सुबह जल्दबाजी में घर से बाहर निकल कर ऑफिस जाने के लिए कार का दरवाजा खोल कर जैसे ही बैठने जाता है, उसका पाँव गाड़ी के नीचे बैठे कुत्ते की पूँछ पर पड़ जाता है। दर्द से बिलबिलाकर अचानक हुए इस वार को घात समझ वह कुत्ता उसे जोर से काट खाता है। गुस्से में आकर …

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अकबर-बीरबल की कहानी: सोने का खेत!!

Field of Gold

अकबर के महल में कई कीमती सजावट की वस्तुएं थीं, लेकिन एक गुलदस्ते से अकबर को खास लगाव था। इस गुलदस्ते को अकबर हमेशा अपनी पलंग के पास रखवाते थे। एक दिन अचानक महाराज अकबर का कमरा साफ करते हुए उनके सेवक से वह गुलदस्ता टूट गया। सेवक ने घबराकर उस गुलदस्ते को जोड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन नाकाम …

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी : विजय!!

munshee premachand kee kahaanee : vijay

शहजादा मसरूर और मलका मखमूर दोनों शादी करके काफी खुश रहने लगे। मसरूर गाय चराता और खेत जोतता, तो वहीं मखमूर खाना पकाती और चरखा चलाती। इस तरह दोनों मिलजुल कर अपना जीवन चलाते थे। दोनों अपनी इस शादी-शुदा जिंदगी से काफी खुश थे। उनके जीवन में कोई फिक्र या परेशानी नहीं थी, लेकिन जैसे हर दिन एक जैसा नहीं …

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तेनालीराम की कहानी: पड़ोसी राजा!!

तेनालीराम को राज कृष्णदेव राय के दरबार में विशेष सम्मान हासिल था। इसलिए, उनसे जलने वालों की राजमहल में कमी न थी। एक समय की बात है, विजयनगर राज्य के हालात अच्छे न थे। राज्य पर पड़ोसी देश के हमला करने का खतरा मंडरा रहा था। ऐसे समय में एक दरबारी ने सोचा कि महाराज को तेनालीराम के खिलाफ भड़काने …

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तेनालीराम की कहानी: हीरों का सच!!

राजा कृष्णदेवराय के दरबार में तेनालीराम नाम के मंत्री थे, जो बड़े ही कुशल और समझदार थे। एक बार महाराज के सामने ऐसा मामला आया कि उनके लिए न्याय करना मुश्किल हो गया। ऐसे में तेनाली राम ने सूझबूझ से काम लिया और राजा की उलझन सुलझाई। हुआ यूं कि एक दिन नामदेव नाम का एक व्यक्ति राजमहल में आया …

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सिंहासन बत्तीसी की 22वीं कहानी – अनुरोधवती पुतली की कथा!!

राजाभोज एक बार फिर सिंहासन की ओर बढ़े और तभी 22वीं पुतली अनुरोधवती वहां पर आ गई। उसने राजाभोज से कहा कि मैं तुम्हें राजा विक्रमादित्य की एक कहानी सुनाऊंगी उसके बाद यह फैसला करना कि आप सिंहासन पर बैठने लायक हो या नहीं। इसके बाद 22वीं पुतली ने कहानी सुनाना शुरू किया। राजा विक्रमादित्य कला प्रेमी थी और अच्छे …

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