माया मरी ना मन मरा, मर मर गया शरीर । आशा तृष्णा ना मरी, कह गए दास कबीर ॥ माया हैं दो भान्त की, देखो हो कर बजाई । एक मिलावे राम सों, एक नरक लेई जाए ॥ मन चंचल चल राम शरण में । हे राम हे राम हे राम हे राम ॥ राम ही तेरा जीवन साथी, मित्र …
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पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ पंडित भया न कोय ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय |
कहे कबीरा कहे कबीरा पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ पंडित भया न कोय पंडित भया न कोय ॥ कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ पंडित भया न कोय ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय पढ़े सो पंडित होय ॥ कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा कहे कबीरा कहे …
Read More »सुनले तूँ मेरी पुकार
माता.. माता.. माता.. माता.. माता.. माता… सुनले तूँ मेरी पुकार हो… सुनले तूँ मेरी पुकार,माता मैं तो घिरा हूँ, घोर पाप में सुनले तूँ मेरी पुकार…। जाऊँ कहाँ मैं, कौन है मेरा माई ,तूँ ही बता दे । किसको सुनाऊँ, दुःख की कहानी माई अपना पता दे ॥ ढूँढूँ कहाँ मैं तेरा द्वार , माता मैं तो घिरा हूँ घोर …
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