इस कहानी में एक गरीब ब्राह्मण की कहानी है जो अपनी कन्या का विवाह करने के लिए भगवान् राम के मंदिर में कथा कहने का निर्णय लेता है।............
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कौन शूद्र कौन ब्राह्मण
कौन शूद्र कौन ब्राह्मणएक शूद्र महिला रानी रासमणि ने मंदिर बनवाया। चूंकि वह शूद्र थी, उसके मंदिर में कोई ब्राह्मण पूजा करने को राजी न हुआ। हालांकि रासमणि खुद भी कभी मंदिर में अंदर नहीं गई थी, क्योंकि कहीं मंदिर अपवित्र न हो जाए! यह तो ब्राह्मण होने का लक्षण हुआ। जो अपने को शूद्र समझे, वह ब्राह्मण। जो अपने …
Read More »विक्रम बेताल की अठारहवीं कहानी: ब्राह्मण कुमार की कथा!!
बेताल का पीछा करते हुए राजा विक्रामादित्य शिशपा वृक्ष के पास पहुंचे और किसी तरह बेताल को अपने कंधे पर उठाकर आगे बढ़ने लगे। पहले की तरह ही बेताल रास्ता बड़ा होने की वजह से राजन को कहानी सुनाने लगता है। बेताल कहता है… सालों पहले की बात है, जब उज्जैन नगर में राजा महासेन राज किया करता था। उसी …
Read More »आलसी ब्राह्मण की कहानी!!
एक बार की बात है, एक गांव में एक ब्राह्मण रहता था। वह सुबह उठता, नहाता, पूजा करता, खाना खाता और फिर सो जाता था। उसके पास किसी भी चीज की कमी नहीं थी। एक बड़ा खेत, खाना पका कर देने वाली एक सुन्दर-सी पत्नी और दो बच्चों का अच्छा परिवार था। सब कुछ होने के बाद भी ब्राह्मण के …
Read More »चैतन्य महाप्रभु, वाल्मीकि और शंकराचार्य के आविर्भाव की कथा
देवगुरु बृहस्पति ने कहा – देवेंद्र ! प्राचीन काल में किसी समय वेदपारंगत विष्णुशर्मा नाम के एक ब्राह्मण थे । वे प्रसन्नचित्त से सर्वदेवमय विष्णु की पूजा करते थे, इसलिए देवतालोक भी उनकी प्रतिष्ठा करते थे, इसलिए देवतालोग भी उनकी प्रतिष्ठा करते थे । वे भिक्षावृत्ति से जीवननिर्वाह करते थे, उनकी स्त्री थी किंतु कोई पुत्र न था । …
Read More »परमा एकादशी
भगवान विष्णु इस दिन व्रत और दान को उत्तम बताया गया है। परमा एकादशी के बारे में एक कहानी प्रचलित है। सुमेधा नामक एक ब्राह्मण गरीबी में दिन गुजार रहे थे। एक दिन ब्राह्मण के घर कौण्डिल्य ऋषि पधारे। सुमेधा की सेवा से प्रसन्न होकर ऋषि ने परमा एकादशी का व्रत करने के लिए कहा। ऋषि ने ब्राह्मण को यह …
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