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Tag Archives: महाभारत

शब्द का संबोधन

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सागर द्वारा श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का संबोधनपिछले अंक में सागर ने श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का दो बार...

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महाभारत की कहानी: चक्रव्यूह में अभिमन्यु का वध!!

कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों के बीच 18 दिन तक घमासान युद्ध चला था। एक ओर धर्म के लिए लड़ने वाले पांडव थे, तो दूसरी ओर छल कपट और धोखा देने में माहिर कौरव। उन्होंने छल से युद्ध जीतने के लिए एक रणनीति बनाई। उनकी योजना थी कि वो अर्जुन को युद्ध में उलझाकर चारों भाइयों से दूर ले जाएंगे …

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महाभारत की कहानी: भीम और हिडिंबा का विवाह!!

द्वापर युग की बात है। यह बात हर कोई जानता था कि कौरव, पांडवों को हमेशा से अपना शत्रु मानते थे और कैसे भी करके उन्हें मारने की योजना बनाते रहते थे। एक बार जब पांचों पांडव और कुंती वार्णावर्त नगर में महादेव का मेला देखने गए, तब दुर्योधन ने उन्हें मारने की योजना बनाई। उसने पांडवों के विश्राम के …

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महाभारत की कहानी: भीष्म पितामह के पांच चमत्कारी तीर!!

यह बात उस समय की है, जब कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध चल रहा था। पितामह भीष्म कौरवों की ओर से युद्ध लड़ रहे थे, लेकिन कौरवों के सबसे बड़े भाई दुर्योधन को लगता था कि भीष्म पितामह पांडवों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं। दुर्योधन का मानना था कि पितामह भीष्म बहुत शक्तिशाली हैं और पांडवों …

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महाभारत की कहानी: राजा शिवी चक्रवर्ती!!

बहुत समय पहले की बात है, उशीनगर नाम के एक राज्य में एक राजा राज किया करता था। उस राजा का नाम था शिवी। वह एक चक्रवर्ती सम्राट था और अपनी महानता और दयालुता के कारण प्रसिद्ध था। उसकी दया के बारे में ऐसा कहा जाता था कि उसके दरबार से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता था। वह हर …

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एक ऐसा तीर्थ जहां स्वयं प्रभु राम ने की थी शिव जी की आराधना

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रामेश्वर ज्योतिर्लिंग में एकादशवें पर है श्री “रामेश्वर”। रामेश्वरतीर्थ को ही सेतुबन्ध तीर्थ कहा जाता है। यह स्थान तमिलनाडु के रामनाथम जनपद में स्थित है। यहाँ समुद्र के किनारे भगवान श्री रामेश्वरम का विशाल मन्दिर शोभित है। कहा जाता है कि इसी स्थान पर श्रीरामचंद्रजी ने लंका के अभियान के पूर्व शिव की अराधना करके उनकी मूर्ति की स्थापना की …

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अभिमन्यु महाभारत महाकाव्य का अद्भुत पात्र है

Abhimanu Mahabharat Mahakavye

अर्जुन एवं सुभद्रा का पुत्र अभिमन्यु महाभारत महाकाव्य का अद्भुत पात्र है। भगवान श्रीकृष्ण का यह भानजा अर्जुन के समान ही श्रेष्ठ धनुर्धन था। यह वीर्य में युधिष्ठिर के समान, आचार में श्रीकृष्ण के समान, भयंकर कर्म करने वालों में भीम के समान, विद्या- पराक्रम में अर्जुन के समान था। अभिमन्यु का विवाह महाराज विराट की पुत्री उत्तरा के साथ …

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