एक साहुकार को धन इकट्ठा करने का बड़ा ही शौक था। उसे अपनी योग्यता का भी बहुत अहंकार था। जब कोई उसके घर, भीख मांगने आता तो वो उन्हें भला-बुरा कहता। एक दिन उस साहुकार ने एक महात्मा को भोजन करवाया। फिर उन्हें एक आईना दिया, उस साहूकार ने कहा आपको जो भी व्यक्ति सबसे बड़ा मूर्ख दिखाई दे उसे …
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मन की शक्ति से बड़ी कोई शक्ति नहीं
एक दिन स्वामी विवेकानंद एक अंग्रेज मि.मूलर के साथ टहल रहे थे। उसी समय एक पागल सांड तेजी से उनकी ओर बढ़ने लगा। अंग्रेज सज्जन भाग कर पहाड़ी के दूसरी छोर पर जा खड़े हुए। स्वामीजी ने उन्हें सहायता पहुंचाने का कोई और उपाय न देख खुद सांड के सामने खड़े हो गए। तब मिस्ट मूल देखकर दंग रह गए। …
Read More »जीवन है पानी की बूँद
जीवन है पानी की बूँद कब मिट जाए रे होनी अनहोनी कब क्या घाट जाए रे जितना भी कर जाओगे, उतना ही फल पाओगे करनी जो कर जाओगे, वैसा ही फल पाओगे नीम के तरु में नहीं आम दिखाए रे जीवन है पानी की बूँद… चाँद दिनों का जीवन है, इसमें देखो सुख काम है जनम सभी को मालूम है, …
Read More »हमे अपने पर विश्वास होना चाहिये..
एक हवाई जहाज आसमान की ऊंचाइयों में उड रहा था कि अचानक अपना संतुलन खोकर इधर उधर लहराने लगा.. सभी यात्री अपनी मृत्यु को समीप जान डर के मारे चीखने चिल्लाने लगे सिवाय एक बच्ची के जो मुस्कुराते हुए चुपचाप खिलोने से खेल रही थी…. कुछ देर बाद हवाई जहाज सकुशल, सुरक्षित उतरा और यात्रियों ने राहत की साँस ली.. …
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