एक बार की बात है एक बढ़ई था। वह दूर किसी शहर में एक सेठ के यहाँ काम करने गया। एक दिन काम करते-करते उसकी आरी टूट गयी। बिना आरी के वह काम नहीं कर सकता था, और वापस अपने गाँव लौटना भी मुश्किल था, इसलिए वह शहर से सटे एक गाँव पहुंचा। इधर-उधर पूछने पर उसे लोहार का पता …
Read More »Tag Archives: लक्ष्मी
जहां आदर, सत्कार हो वहीं विराजती हैं लक्ष्मी
कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी की असुरों पर बड़ी कृपा थी। वे उनके वहां निवास करती थीं एक बार देवी लक्ष्मी स्वर्ग में रहने के लिए आई। तब इंद्र को बड़ा आश्चर्य हुआ। इंद्र ने देवी लक्ष्मी से पूछा- भगवती, आखिर ऐसा कौन सा कारण है कि आप असुरो को छोड़ स्वर्ग में रहने के लिए आई हैं। तब …
Read More »मोक्ष संन्यासिनी गोपियां
कुछ लोग प्रतिदिन सकामोपासना कर मनवाञ्छित फल चाहते हैं, दूसरे कुछ लोग यज्ञादि के द्वारा स्वर्ग की तथा (कर्म और ज्ञान) योग आदि के द्वारा मुक्ति के लिए पार्थना करते हैं, परंतु हमें तो यदुनंदन श्रीकृष्ण के चरणयुगलों के ध्यान में ही सावधानी के साथ लगे रहने की इच्छा है । हमें उत्तम लोक से, दम से, राजा से, स्वर्ग …
Read More »दरिद्रा कहां – कहां रहती है ?
समुद्र मंथन के समय हलाहल के निकलने के पश्चात् दरिद्रा की, तत्पश्चात् लक्ष्मी जी की उत्पत्ति हुई । इसलिए दरिद्रा को ज्येष्ठ भी कहते हैं । ज्येष्ठा का विवाह दु:सह ब्राह्मण के साथ हुआ । विवाह के बाद दु:सह मुनि अपनी पत्नी के साथ विचरण करने लगे । जिस देश में भगवान का उद्घोष होता, होम होता, वेदपाठ होता, …
Read More »दीवाली की मुस्कान
दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का समय हो गया था। पर बच्चे, फुलझड़ियाँ , अनार छोड़ने में मस्त — । तभी दादाजी की रौबदार आवाज सुनाई दी -देव –दीक्षा –शिक्षा जल्दी आओ –मैं तुम सबको एक कहानी सुनाऊंगा । कहानी के नाम भागे बच्चे झटपट घर की ओर । हाथ मुंह धोकर पूजाघर में घुसे और कालीन पर बिछी सफेद …
Read More »माता लक्ष्मी के आठो स्वरुप और उनके आह्वान मंत्र
जीवन में सभी प्रकार की सुख समृद्धि प्राप्त करने के लिए माता लक्ष्मी की कृपा हासिल करना आवश्यक है। कमलवासिनी मां लक्ष्मी के आठ स्वरुप हैं। जिनकी पूजा से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। भगवती विष्णुप्रिया को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रों का प्रतिदिन 108 बार कमलगट्टे की माला से जप करें। माता लक्ष्मी के आठो स्वरुप और …
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