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Tag Archives: विष्णु

भगवान श्रीब्रह्मा(bhagavaan shree brahma)

SHREE BRAHMA JI

महाप्रलय के बाद भगवान नारायण दीर्घ कालतक योगनिद्रा में निमग्र रहे। योगनिद्रा से जगने के बाद उनकी नाभि से एक दिव्य कमल प्रकट हुआ। जिसकी कर्णिकाओंपर स्वयम्भू श्रीब्रह्मा प्रकट हुए। उन्होंने अपने नेत्रों को चारों ओर घुमाकर शून्य में देखा। इस चेष्टा से चारों दिशाओं में उनके चार मुख प्रकट हो गये। जब चारों ओर देखने से उन्हें कुछ भी …

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श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर

Padmanabha Swamy Mandir Story

श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर केरल राज्य के तिरुअनन्तपुरम शहर में स्थित है। यह मंदिर जगत पालक भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर केरल के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों में से एक है। मान्यता है कि देश में भगवान विष्णु को समर्पित 108 देशम है और श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर भी उनमें से एक हैं। श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर का धार्मिक …

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इधर अंजनी घर हनुमान जन्मे

duniya me dev hajaaro hain

इधर अंजनी घर हनुमान जन्मे उधर दशरथ घर भगवान जन्मे महलों में  में आनंद इधर पवन पिता झूम रहें मन खुशियाँ अयोध्यामें हनुमान के रूप में खुद त्रिलोकी राम के रूप में खुद श्री विष्णु हनुमान खेलेंगे कुटिया में श्रीराम खेलेंगे आँगन में इधर अंजनी घर हनुमान जन्मे… सोने के पालने में श्री राम झूले मैया की बहियाँ में हनुमान …

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देव प्रतिमा निर्माण विधि

Dev pratimaa nirmaaṇa vidhi

    सूत जी बोले – ब्राह्मणों ! मैं प्रतिमा का शास्त्रसम्मत लक्षण कहता हूं । उत्तम लक्षणों से रहित प्रतिमा का पूजन नहीं करना चाहिए । पाषाण, काष्ठ, मृत्ति का, रत्न, ताम्र एवं अन्य धातु इनमें से किसी की भी प्रतिमा बनायी जा सकती है । उनके पूजन से सभी अभीष्ट फल प्राप्त होते हैं । मंदिर के माप …

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इंद्र का गर्व – भंग

शचीपति देवराज इंद्र कोई साधारण व्यक्ति नहीं, एक मन्वंतरपर्यन्त रहनेवाले स्वर्ग के अधिपति हैं । घड़ी – घंटों के लिए जो किसी देश का प्रधान मंत्री बन जाता है, उसके नाम से लोग घबराते हैं, फिर जिसे एकहत्तर दिव्य युगों तक अप्रतिहत दिव्य भोगों का साम्राज्य प्राप्त है, उसे गर्व होना तो स्वाभाविक है ही । इसलिए इनके गर्व भंग …

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देवशयनी एकादशी, जानिए कैसे करें पूजन

maanas se : navadha bhakti

आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन से भगवान श्रीहरि विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं। इस साल यह पर्व 15 जुलाई यानि आज है। इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ माना जाता है। कहीं-कहीं इस तिथि को “पद्मनाभा” भी कहते हैं। पुराणों का ऐसा भी मत है कि भगवान विष्णु इस दिन से चार मासपर्यंत …

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जाने, किस भगवान को है कौन सा पुष्प प्रिय…

Jaane, kis bhagavaan ko hai kaun saa puṣp priy.

श्रीगणेश गणेशजी को तुलसी छोड़कर हर तरह के फूल पसंद हैं। खास बात यह है कि गणपति को दूब अधिक प्रिय है। गणेशजी पर तुलसी कभी न चढ़ाएं। भगवान गणेश लाल रंग के फूलों को पसंद करते हैं। इसके अलावा गेंदे का फूल भी उन्हें प्रिय है, इसलिए भक्त इसकी माला बनाकर गणेशजी को चढ़ाते हैं। भगवान शिव भगवान शंकर …

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मधु-कैटभ की कथा

Madhu Kathabh Ki Katha

प्राचीन समय की बात है। चारों ओर जल-ही-जल था, केवल भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर सोये हुए थे। उनके कान की मैल से मधु औरकैटभ नाम के दो महापराक्रमी दानव उत्पन्न हुए। वे सोचने लगे कि हमारी उत्पत्ति का कारण क्या है? कैटभ ने कहा- इस जल में हमारी सत्ता को कायम रखने वाली भगवती महाशक्ति ही हैं। उनमें …

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देवशयनी एकादशी आज, जानिए कैसे करें पूजन

Devyani Akadshi aaj

आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन से भगवान श्रीहरि विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं। इस साल यह पर्व 15 जुलाई यानि आज है। इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ माना जाता है। कहीं-कहीं इस तिथि को ‘पद्मनाभा’ भी कहते हैं। पुराणों का ऐसा भी मत है कि भगवान विष्णु इस दिन से चार मासपर्यंत …

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