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Tag Archives: शिव

त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

Kall Bharav Nath Mandir

गोदावरी के उद्गम स्थल के समीप (महाराष्ट्र के नासिक में) ही श्री त्र्यम्बकेश्वर शिव अवस्थित हैं। गौतमी तट पर स्थित इस त्र्यम्बक ज्योतिर्लिंग का जो मनुष्य भक्तिभाव पूर्वक दर्शन पूजन करता है, वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। श्री त्र्यम्बकेश्वर शिव ज्योतिर्लिंग की कथा (Story of Trimbakeshwar Shiva Temple) पुराणों के अनुसार एक बार महर्षि गौतम के तपोवन …

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शंकर दा घोटा

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शंकर दा घोटा – ला घोटा,   कुंडे विच सोटा – ला घोटा, शिव दे मस्त मलंग जो भग्तो, ऱज के पींदे भंग जो भग्तो, वड्डा की छोटा – ला घोटा,1.  भंग नु रगड़े लाये भगतां, विच बदाम मिलाये भगतां, विच फेर के पोटा – ला घोटा, 2.  फिर भगतां ने दुध रलाया, खुल्ला डुल्ला मिट्ठा पाया, पूरा भर के …

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इंद्र का गर्व – भंग

शचीपति देवराज इंद्र कोई साधारण व्यक्ति नहीं, एक मन्वंतरपर्यन्त रहनेवाले स्वर्ग के अधिपति हैं । घड़ी – घंटों के लिए जो किसी देश का प्रधान मंत्री बन जाता है, उसके नाम से लोग घबराते हैं, फिर जिसे एकहत्तर दिव्य युगों तक अप्रतिहत दिव्य भोगों का साम्राज्य प्राप्त है, उसे गर्व होना तो स्वाभाविक है ही । इसलिए इनके गर्व भंग …

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सावन में सोमवार का हैं खास महत्त्व

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पवित्र सावन माह की शुरुआत हो गई है। शिव पूजा के लिए अत्यंत फलदायी माने जाने वाले इस माह में सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा का महत्त्व है। आज सावन का पहला सोमवार है। भगवान शिव को सावन यानी श्रावण का महीना बेहद प्रिय है जिसमें वह अपने भक्तों पर अतिशय कृपा बरसाते हैं। ऐसी मान्यता है …

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क्यों प्रिय है भगवान शिव को बेलपत्र

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शिव पूजा का सबसे पावन दिन है सोमवार। सभी देवों में शिव ही ऐसे देव हैं जो अपने भक्तों की भक्ति-पूजा से बहुत जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिव भोले को आदि और अनंत माना गया है जो पृथ्वी से लेकर आकाश और जल से लेकर अग्नि हर तत्व में विराजमान हैं। शिव पूजा में बहुत सी ऐसी चीजें …

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रुद्राभिषेक क्यों है इतना प्रभावी और महत्वपूर्ण

Rudhrabhishek kyo hai itana parbhavi

भगवान शिव अनादि व अनन्त हैं अर्थात न तो कोई भगवान शिव के प्रारंभ के बारे में जानता है और न ही कोई अंत के बारे में। इसलिए इन्हें अजन्मा और अनश्वर भी कहते हैं। भगवान शिव का स्वरूप जितना रहस्यमय है, वे उतने ही सरल भी हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव सिर्फ एक लोटा जल चढ़ाने से …

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भगवान शिव का ये मंदिर 5वीं शताब्दी का है, खुदाई में ऐसे और मंदिर मिलने की संभावना है

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कहते हैं कि शिव ही सत्य और शक्ति हैं. बिना इनके दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती है. वैसे तो भगवान शिव की पूजा सदियों से होती आ रही है और वर्तमान में भी हो रही है. भगवान शिव अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं, उनके सारे कष्टों का निवारण भी करते हैं. जो लोग भगवान शिव के अस्तित्व …

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चिकित्सकों के चिकित्सक भगवान शिव

Bhagavaan shiv ke lie maataa paarvatee ne kiyaa thaa ghor tap

भगवान रुद्र ने ओषधियों का निर्माण करके जगत का इतना कल्याण किया है कि वेद ने भी भगवान शंकर सम्पूर्ण शरीर को ही भेषज मान लिया है । कहा है कि – या ते रुद्र शिवा तनू शिवा विश्वस्य भेषजी । शिवा रुद्रस्य भेषजी तया नो मृड जीवसे ।। सचमुच आयुर्वेद भगवान शिव के रूप में ही अभिव्यक्त हुआ था, …

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महज एक रात में निर्मित हुआ था विशालकाय भोजेश्वर शिव मंदिर. रायसेन, भोपाल, मध्यप्रदेश

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महज एक रात में निर्मित हुआ था विशालकाय भोजेश्वर शिव मंदिर…….. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 32 किलोमीटर की दूरी पर ‘रायसेन’ जिले में स्थित यह मंदिर ‘उत्तर भारत का सोमनाथ’ कहा जाता है। यह भोजपुर से लगती हुई पहाड़ी पर एक विशाल, किन्तु अधूरा शिव मंदिर है। भोजेश्वर महादेव अपने आप में एक अनूठा शिव मंदिर है। इसका निर्माण …

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Maha Shivaratri jagran

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भगवान शिव का एक नाम भोले भी है. अपने सरल और भोले स्वभाव के कारण उन्हें इस उपनाम से पुकारा जाता है. भगवान शिव के इस भोले स्वरूप पर कई कहानियां प्रचलित हैं जिनमें से एक निम्न है जो शिवरात्रि के दिन बहुत ज्यादा सुनी जाती है. Maha Shivaratri story Hindi पूर्व काल में चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों …

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