तेरे दर्शन को मोहन, तेरा दस तरसता है जानम मो से जानम लेकर, मे हार गया मोहन दर्शन बिन व्यर्थ हुवा, हर भार मेरा जीवन क्या खेल सजाया है, मोहोरो की तारा हुमको क्या खूब नचाया है, खत पुतली सा हुमको ई खेल तेरे प्यारे, बस तूही समजता है यह दिल पुकारता है, एक भर चले आऊ दर्शन देखार प्यारे, …
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अब सौंपा दिया इस जीवंका,
सब भार तुम्हारे हाथोमे (2) है जीत तुम्हारे हाथोमे, और हार तुम्हारे हाथोमे (2) मेरा निस्चे बस एक यही, इक बार तुम्हे पा जाो मे (2) अर्पण कार्दु दुनिया भारका, सब प्यार तुम्हारे हाथोमे (2) जो जगमे राहु तो ऐसे राहु, जो जलमे कमलका फूल रहे (2) मेरे सब गुणदोष समर्पित हो करतार तुम्हारे हाथोमे (2) यदि मानवका मूज़े जन्मा …
Read More »जीवन का मैंने सौंप दिया सब भार तुम्हारे हाथों
जीवन का मैंने सौंप दिया सब भार तुम्हारे हाथों में उद्धार पतन अब मेरा है सरकार तुम्हारे हाथों में . हम उनको कभी नहीं भजते वो हमको कभी नहीं तजते अपकार हमारे हाथों में उपकार तुम्हारे हाथों में जीवन का मैंने सौंप दिया सब भार तुम्हारे हाथों में हम पतित हैं, तुम हो पतित पावन हम नर हैं, तुम नारायण …
Read More »अब सौंप दिया इस जीवन का
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में… उद्धार पतन अब मेरा है भगवान तुम्हारे हाथों में … हम तुमको कभी नहीं भजते, फिर भी तुम हमें नहीं तजते. अपकार हमारे हाथों में, उपकार तुम्हारे हाथों में.. अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में… हम में तुम में है भेद यही, हम नर …
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