एक राजकुमार बुद्ध के पास दीक्षित हुआ। श्रोण उसका नाम था। वह भोगी था, महाभोगी था। उसके भोग की कथाएं सारे देश में प्रचलित थीं। बुद्ध तक भी उसकी कथाएं बहुत बार पहुंची थीं। Budh रात भर जागता था—नाच—गाना, शराब; और दिन भर सोता था। सीढ़ियां भी चढ़ता था तो नग्न स्त्रियां सीढ़ियों के दोनों तरफ खड़ी कर रखी थीं, रेलिंग …
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आओ, कृष्ण कन्हैया, हमारे घर आओ
आओ कृष्ण कन्हैया हमारे घर आओ माखन मिसरी दूध मलाई जो चाहो सो खाओ आओ कृष्ण कन्हैया हमारे घर आओ माखन मिसरी दूध मलाई रुचि रुचि भोग लगाओ आप भी आओ सब गोपियन को लाओ मेरे आँगन में तुम रास रचाओ आँगन में मेरे तुम रास रचाओ आओ कृष्ण कन्हैया हमारे घर आओ माखन मिसरी दूध मलाई जो चाहो सो …
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