दोहा: अपने हरि को हम दूंढ लीओ, जिन लाल अमोलक लाख मे | हरि के अंग अंग मे नरमी है जितनी, नरमी नाही वैसी माखन मे || छवि देखत ही मै तो झाकी रही, मेरो चित चुरा लीओ झांकन मे | हियरा में बसो, जियरा में बसो, प्यारी-प्यारे बसो दऊ आखन में || लाडली-लाल बसो, श्यामा-श्याम बसो दऊ आंखन में …
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सुनि कान्हा तेरी बांसुरी
सुनि कान्हा तेरी बांसुरी बांसुरी तेरी जादू भरी सारा गोकुल लगा झूमने क्या अजब मोहिनी छा गयी मुग्ध यमुना थिरकने लगी तान बंसी की तड़पा गयी मैं तो जैसे हुई बावरी सुनि कान्हा तेरी बांसुरी बांसुरी तेरी जादू भरी हौले से कोई धुन छेड के तेरी बंसी तो चुप हो गयी सात स्वर के भंवर में कहीं मेरे मन की …
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