प्रिय माँ, हर सामान्य लड़की की तरह, मैं बचपन के दिनों से ही शादी को लेकर उत्साहित थी। मैंने उस समय से आगे के बारे में कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने राजकुमार के साथ खुशी से बिताऊंगा। लेकिन आज जब मैं शादीशुदा हूं, तो मुझे एहसास है कि शादी सभी गुलाबों की नहीं है। यह आपके …
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बचपन से ही साहसी थे स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद बचपन से ही बुद्धिमान थे। उनका व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावशाली था। उनके बचपन का नाम नरेंद्र था। जब भी वो किसी साथी से बात करते तो वह तल्लीनता से उनकी बातों को सुनते थे। एक बार ऐसी ही स्थिति में शिक्षक कक्षा में आ गए और पढ़ाना शुरू कर दिया। छात्रों के पता ही नहीं चला। शिक्षक ने …
Read More »Sad Stories (‘एक दुःख भरी कहानी’)
एक दिन ठेले पर भार अधिक होने के कारण रामू उसे ठीक से सम्भाल नहीं पाया और तेज गति से आती ट्रक से भिड गया। अगले ही पल उसकी मौत हो गयी और उसके पीछे रह गयी उसकी पत्नी जानकी और दो छोटे-छोटे बच्चे गुड्डी और गुडडू। एक तरफ रामू का अंतिम संस्कार किया जा रहा था और दूसरी तरफ …
Read More »सकारात्मक सोच पर प्रेरणादायक कहानी
कैसोवैरी चिड़िया को बचपन से ही बाकी चिड़ियों के बच्चे चिढाते थे। कोई कहता, ” जब तू उड़ नहीं सकती तो चिड़िया किस काम की।”, तो कोई उसे ऊपर पेड़ की डाल पर बैठ कर चिढाता कि,” अरे कभी हमारे पास भी आ जाया करो…जब देखो जानवरों की तरह नीचे चरती रहती हो…” और ऐसा बोलकर सब के सब खूब …
Read More »कबाड़ी की नौकरी से लेखक बनने तक का सफर
मैक्सिम गोर्की को बचपन से पढ़ना बहुत पसंद था, पर घर में पढ़ाई के लायक स्थितियां नहीं थीं। वह पढ़ना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने एक कबाड़ी के यहां नौकरी कर ली। कबाड़ी की दुकान में रोज हजारों पुस्तकें आती थीं। पुस्तकों को देखते ही गोर्की का मन उन्हें पढ़ने के लिए लालयित हो उठता था। काम के …
Read More »रिश्ते है अनमोल
मेरी पत्नी ने कुछ दिनों पहले घर की छत पर कुछ गमले रखवा दिए और एक छोटा सा गार्डन बना लिया। पिछले दिनों मैं छत पर गया तो ये देख कर हैरान रह गया कि कई गमलों में फूल खिल गए हैं, नींबू के पौधे में दो नींबू भी लटके हुए हैं और दो चार हरी मिर्च भी लटकी हुई …
Read More »एक सच्ची कहानी l
नई टीचर लड़कियों के स्कूल में आने वाली नई टीचर बेहद खूबसूरत और शैक्षणिक तौर पर भी मजबूत थी लेकिन उसने अभी तक शादी नहीं की थी… सब लड़कियां उसके इर्द-गिर्द जमा हो गईं और मज़ाक करने लगी कि मैडम आपने अभी तक शादी क्यों नहीं की…? मैडम ने दास्तान कुछ यूं शुरू की- एक महिला की पांच बेटियां …
Read More »जब गलती नहीं तो गलती की सजा क्यों
‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर ही रहेंगे’ यह ओजपूर्ण नारा देने वाले बालगंगाधर तिलक का जीवन भी इन्ही वाक्यों की तरह रहा है। बात उस समय की है जब बाल गंगाधर तिलक उम्र में छोटे थे। वह अपने विद्यालय में थे। उस समय सारे विद्यार्थी कक्षा में मूंगफली खा रहे थे। बच्चों ने मूंगफली के …
Read More »संसार में ईमानदारी ही इंसान की सबसे बड़ी पूंजी
गोपाल कृष्ण गोखले भारत के ऐसे स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक थे। जो अपने साथियों के बीच अपनी ईमानदारी का पर्याय माने जाते थे। उनके बचपन का एक रोचक प्रसंग है। जो गोखले जी की ईमानदारी का एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण पेश करता है। जब वह महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के काटलुक गांव में एक प्राइमरी स्कूल पढ़ते थे। तब …
Read More »अंतिम समय में नहीं करना चाहिए ये काम,लेकिन क्यों?
कहानीकार अर्नेस्ट हेमिंग्वे बचपन में बड़े हंसमुख स्वभाव के थे। पढ़ने-लिखने में तेज हेमिंग्वे को ईश्वर ने उन्हें गजब की कल्पना शक्ति दी थी। एक बार की बात है उनके शिक्षक ने बच्चों से कहानी लिखने को कहा। कहानी लिखने के लिए एक महीने का समय दिया। हेमिंग्वे ने सोचा, कहानी लिखने के लिए एक महीने की क्या जरूरत है। …
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