वैशाख की पूरे चाँद की रात थी जब बोध गया में एक पेड़ के नीचे ध्यान लगा के बैठे सिद्धार्थ ने परम को जाना। महज़ 35 साल की उम्र में वे बुद्ध बन गए। यह घटना ईसा के 528 साल पहले की बताई जाती है। महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद 4 सप्ताह तक बोधिवृक्ष (जिस वृक्ष के नीचे …
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भगवान् का स्वभाव है कि जो उनको जैसे भजता है, वे भी उसको वैसे ही भजते हैं
शबरी भगवान् की परम भक्त थी । पहले वह ‘शबर’ जाति की एक भोली-भाली लड़की थी । शबर-जाति के लोग कुरूप होते थे । परन्तु शबरी इतनी कुरूप थी कि शबर-जाति के लोग भी उसको स्वीकार नहीं करते थे ! माँ-बाप को बड़ी चिन्ता होने लगी कि लड़की का विवाह कहाँ करें ! ढूँढ़ते-ढूँढ़ते आखिर उनको शबर-जाति का लड़का मिल …
Read More »मरम्मत करो ! (story of a dog and its master)
एक साधक ने श्री रामकृष्णदेव से पूछा कि : “महाशय, मै इतना प्रभुनाम लेता हूँ, धर्म चर्चा करता हूँ, चिंतन-मनन करता हूँ, फिर भी समय-समय पर मेरे मन में कुभाव क्यों उठते है?” श्री रामकृष्णदेव साधक को समझाते हुए बोले : “एक आदमी ने एक कुत्ता पाला था। वह रात-दिन उसी को लेकर मग्न रहता, कभी उसे गोद में लेता तो कभी …
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