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Tag Archives: darshan

थोड़ा ध्यान लगा साईं दौड़े दौड़े आएंगे

thoda dhyaan laga saeen daude daude aaenge

थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे, थोड़ा ध्यान लगा, साईं दौड़े दौड़े आएंगे, तुझे गले से लगाएंगे। अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे, अखियाँ मन की खोल, तुझको दर्शन वो कराएंगे, तुझे गले से लगाएंगे॥ हैं राम रमिया वो, हैं कृष्ण कन्हैया वो, वही मेरा साईं है। सत्कर्म राहों पे चलना सीखते वो, वही जगदीश हैं। प्रेम …

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महावीर हनुमान गोसाई हम है तुमरे शरणाई

Chilkur Balaji Mandir

महावीर हनुमान गोसाई, हम है तुमरे शरणाई। सिंधूर सजीली प्रतिमा, मंदिर में मेरे समाई। एक हाथ गदा तोहे सोहे, एह हाथ गिरिधारी। दर्शन करत मोरी अखियाँ, भक्ति की ज्योति जगाये॥ वानर मुखमंडल प्यारा,दर्शन से मिटे भय सारा। है दिव्य नयन, ज्योतिर्मय, हर ले जीवन अँधियारा। श्री राम नाम की चदरिया, तन पे तुम्हारे लहराई॥ जिसपर कृपा हो तुम्हारी, बन जाये …

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सेठ जी की परीक्षा

seth jee kee pareeksha

बनारस में एक बड़े धनवान सेठ रहते थे। वह  विष्णु भगवान् के परम भक्त थे और हमेशा सच बोला करते थे । एक बार जब भगवान् सेठ जी की प्रशंशा कर रहे थे तभी माँ लक्ष्मी ने कहा , ” स्वामी , आप इस सेठ की इतनी प्रशंशा किया करते हैं , क्यों न आज उसकी परीक्षा ली जाए और …

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सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे

saalaasar ke mandir mein hanumaan viraaje re

थारे झांझ नगाड़ा बाजे रे, सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे। हनुमान विराजे रे बठे बजरंग विराजे रे॥ भारत राजस्थान में जी सालासर एक ग्राम, सूरज शामी बनो देवरों महमा अप्रम पार। थारे लाल ध्वजा फेहरावे रे, सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे॥ नारेला की गिनती कोनी बाबा सुवरण छत्र हजार, दूर देश से दर्शन करने आवे नर …

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अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी

meree sunakar karun pukaar saavara aaega

 अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी शारदा भवानी मोरी शारदा भवानी करदो कृपा महारानी मोरी शारदा भवानी अंगना पधारो… ऊँची पहाड़िया पे मंदिर बनो है मंदिर में मैया को आसान लगो है सान पे बैठी महारानी मोरी शारदा भवानी अंगना पधारो… रोगी को काया दे निर्धन को माया बांझन पे किरपा ललन घर आया मैया बड़ी वरदानी मोरी शारदा भवानी …

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भगवान शिव का अवधूतेश्वरावतार

Avdhuteshwar incarnation of Lord Shiva

एक बार देवराज इंद्र देवताओं और बृहस्पति के साथ भगवान शिव का दर्शन करने के लिए कैलाश परिवत पर गए । उस समय बृहस्पति और इंद्र के आगमन कू बात जानकर भगवान शंकर उनकी परीक्षा लेने के लिए अवधूत बन गए । उनके शरीर पर कोई वस्त्र नहीं था । वे प्रज्वलित अग्नि के समान तेजस्वी होने के कारण महाभयंकर …

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परात्पर श्रीकृष्णावतार का प्रयोजन विमर्श

Abhimanu Mahabharat Mahakavye

दीनदयालु भक्तवत्सल भगवान श्रीकृष्णचंद्र के चरित्रावलोकन में सतत निमग्न रहनेवाले, ‘अनन्याश्चिन्तयन्तोमाम्’ इत्यादि वचन के अनुसार पराकाष्ठा की अनन्यतापर आरूढ़ हुए आश्रितों के लिए दीनबंधु परम प्रभु को क्या – क्या नहीं करना पड़ता है ? सब प्रकार की सेवा करना, दूत बनना, सारथि बनना और उसी समय गुरु बनकर उपदेश भी देना इत्यादि अनेक भाव से अपने आश्रितों को प्रसन्न …

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शिव और सती

Pardosh Vart Ka Mahtav Story

सिव सम को रघुपति ब्रतधारी । बिनु अघ तजी सती असि नारी ।। भगवान शिव और माता सती देवी की असीम महिमा बड़े ही सुंदर ढंग से प्रतिपादित की है । भगवान शिव के लिए है क्योंकि संसार में सब धर्मों का सार, सब तत्त्वों का निचोड़ भगवत्प्रेम ही निश्चय किया गया है । भगवान परब्रह्म में दृढ़ निष्ठा का …

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भक्त अर्जुन और श्रीकृष्ण

Abhimanu Mahabharat Mahakavye

एक बार कैलाश के शिखर पर श्री श्री गौरीशंकर भगवद्भक्तों के विषय में कुछ वार्तालाप कर रहे थे । उसी प्रसंग में जगज्जननी श्री पार्वती जी ने आशुतोष श्रीभोलेबाबा से निवेदन किया कि भगवान ! जिन भक्तों की आप इतनी महिमा वर्णन करते हैं उनमें से किसा के दर्शन कराने की कृपा कीजिए । आपके श्रीमुख से भक्तों की महिमा …

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वेदमालिको भगवत्प्राप्ति

maanas se : navadha bhakti

प्राचीन काल की बात है । रैवत – मंवतर में वेदमालि नाम से प्रसिद्ध एक ब्राह्मण रहते थे, जो वेदों और वेदांगों के पारदर्शी विद्वान थे । उनके मन में संपूर्ण प्राणियों के प्रति दया भरी हुई थी । वे सदा भगवान की पूजा में लगे रहते थे, किंतु आगे चलकर वे स्त्री, पुत्र और मित्रों के लिए धनोपार्जन करने …

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