Breaking News

Tag Archives: disciple

चेतावनी समझें, नहीं होगा कभी नुकसान

चेतावनी समझें, नहीं होगा कभी नुकसान

एक गुरु जी प्रवचन दे रहे थे, ‘ईश्वर में आस्था बनाए रखो। ईश्वर सबकी रक्षा करता है।’ एक शिष्य ने हैरान होते हुए एक-एक शब्द को हृदय में उतार रहा था। दूसरे दिन शिष्य जंगल से गुजर रहा था। तभी एक आदमी सामने से दौड़ता हुआ आया। वह चिल्ला रहा था, ‘बचाओ! पागल हाथी इधर ही आ रहा है।’ शिष्य …

Read More »

यदि आत्मज्ञान प्राप्त हो जाए तो इसे लोगों में बांटें

maxresdefault

महाकश्यप भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य थे। बुद्ध उनकी त्याग भावना तथा ज्ञान से संतुष्ट होकर बोले- ‘वत्स, तुम आत्मज्ञान से पूरी तरह मंडित हो। तुम्हारे पास वह सब है, जो मेरे पास है। अब जाओ और सत्संदेश का जगह-जगह प्रचार-प्रसार करो।’ महाकश्यप ने ये शब्द सुने, तो वे मायूस हो गए। वह बोले, ‘गुरुदेव यदि मुझे पहले से पता …

Read More »

इसलिए है अलग-अलग दृष्टिकोण

sant-kabir

कबीर की सादगी देख उनके कुछ शिष्य दुःखी रहते थे। एक दिन साहस करते हुए एक शिष्य बोला, ‘गुरुवर आप सादगी से क्यों रहते हैं? आप एक सिद्ध पुरुष हैं। ऐसे में आपका कपड़ा बुनना भी अजीब है।’ कबीर थोड़ा मुस्कुराए, और फिर बोले, पहले में अपना पेट पालने के लिए बुनता था, लेकिन अब में सभी के अंदर समाए …

Read More »

आध्यात्मिक हिंदी कहानी

आध्यात्मिक हिंदी कहानी

प्रातः काल का समय था। गुरुकुल में हर दिन की भांति गुरूजी अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहे थे। आज का विषय था- “आत्मा” आत्मा के बारे में बताते हुए गुरु जी ने गीता का यह श्लोक बोला – अर्थात: आत्मा को न शस्त्र छेद सकते हैं, न अग्नि जला सकती है, न जल उसे गला सकता है और न …

Read More »

ये है इंसान के पतन का कारण

Guru-Nanak-Dev-Ji Udasiyan

  एक जिज्ञासु ने किसी ज्ञानी व्यक्ति से पूछा, सभी मनुष्यों की बनावट एक जैसी है, फिर उनमें से कुछ पतन के गर्त में गिरकर डूब क्यों जाते हैं ? ज्ञानी ने दूसरे दिन शिष्य को बुलाया और उत्तर बता देने का वचन दिया। ठीक समय पर दोनों नजदीक के तालाब के किनारे जाने के लिए तैयार थे। ज्ञानी के …

Read More »

साधना में लीन रहते हुए पहले हम स्वयं को परखें

guru-chela

एक महात्मा बहुत ज्ञानी और अंतर्मुखी थे। अपनी साधना में ही लीन रहते थे। एक बार एक लड़का उनके पास आया और उसने कहा हे महात्मा आप मुझे अपना चेला बना लीजिए। बुढ़ापा आ रहा है यह सोचकर उन्होंने उसे चेला बना लिया। चेला बहुत चंचल प्रकृति का था। ध्यान में उसका मन नहीं लगता था। गुरु ने कई बार …

Read More »

मन में यदि सुराख है तो उसमें प्रेम कैसे भरेगा

  गौतम बुद्ध यात्रा पर थे। रास्ते में उनसे लोग मिलते। कुछ उनके दर्शन करके संतुष्ट हो जाते तो कुछ अपनी समस्याएं रखते थे। बुद्ध सबकी परेशानियों का समाधान करते थे। एक दिन एक व्यक्ति ने बुद्ध से कहा- मैं एक विचित्र तरह के द्वंद्व से गुजर रहा हूं। मैं लोगों को प्यार तो करता हूं पर मुझे बदले में …

Read More »

क्या है हमारा नैतिक धर्म

गौतम बुद्ध जिस वृक्ष के नीचे साधना कर बोध प्राप्त किया था। वह उसके प्रति वे अत्यंत ममता तथा श्रद्धाभाव रखते थे। जब भी वे वहां से गुजते तो बोधी वृक्ष का दर्शन करते नहीं थकते थे। एक दिन एक नए शिष्य ने उन्हें बोधि बृक्ष को नमन करते हुए पूछा, ‘प्रभु! आप एक जड़ वस्तु को नमन क्यों करते …

Read More »

समस्याओं से भागें नहीं बल्कि उनका डटकर सामना करें

कौशाम्बी नरेश की महारानी भगवान बुद्ध से घृणा करती थी। एक बार जब भगवान बुद्ध कौशाम्बी आए तो महारानी ने उन्हें परेशान और अपमानित करने के लिए कुछ विरोधियों को उनके पीछे लगा दिया। गौतम बुद्ध के शिष्य आनंद उनके साथ हमेशा रहते थे। जोकि गौतम बुद्ध के प्रति इस खराब व्यवहार देख दुःखी हो गए। परेशान होकर आनंद ने …

Read More »

जानिए कबीरदास की बेबाक सोच

know-kabiradas-helpless-thinking

एक बार रामानंद जी ने कबीरदास से कहा, श्राद्ध के दिन चल रहे हैं। पितरों का तर्पण करना है। इसलिए पितरों के लिए खीर बनाने का प्रबंध करो।’ कबीरदास जी खीर के लिए दूध लेने चल दिए। उस समय कबीरदास जी की उम्र महज 9 वर्ष थी। कबीर दास ने बाजार से दूध लिया और थोड़े आगे चले ही थे …

Read More »