नमामि शंकर, नमामि हर हर, नमामि देवा महेश्वरा । नमामि पारब्रह्म परमेश्वर, नमामि भोले दिगम्बर ॥है धन्य तेरी माया जग में, ओ दुनिए के रखवाले शिव शंकर डमरू वाले, शिव शंकर भोले भालेजो ध्यान तेरा धर ले मन में, वो जग से मुक्ति पाए भव सागर से उसकी नैया तू पल में पर लगाए संकट में भक्तो में बड़ कर …
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ऐसे बन सकते हैं अल्लाह के नेक बंदे
बहुत समय पहले आरिफ सुभानी नाम के दरवेश हुए थे। उन्हें दुनिया की किसी भी वस्तु से मोह-माया नहीं थी। पहनने के लिए कपड़ों के अलावा उनके पास दूसरी कोई ओर चीज न थी। शांतिप्रिय और सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले इस दरवेश का स्वभाव दूसरों से मेल भी नहीं खाता था। आरिफ सुभानी मंदिर, मस्जिद और चर्च में कोई भेद …
Read More »कबीरवाणीः प्रभु नाम का स्मरण के लिए समय नहीं, भाव चाहिए
एक बार संत कबीर से किसे ने पूछा, आप दिनभर कपड़ा बुनते हैं तो भगवान का स्मरण कब करते हैं? कबीर उसे लेकर झोपड़ी से बाहर आ गए और कहा कि यहां खड़े रहो। तुम्हारे सवाल का जबाव शायद में न दे सकूं, लेकिन उसे दिखा सकता हूं। कबीर ने दिखाया कि एक औरत पानी की गागर सिर पर रखकर …
Read More »कण-कण में हैं भगवान जरा खोज कर तो देखो
एक धार्मिक व्यक्ति था। भगवान में उसकी बड़ी श्रद्धा थी। उसने मन ही मन प्रभु की एक तस्वीर बना रखी थी। एक दिन भक्ति से भरकर उसने भगवान से कहा-भगवान मुझसे बात करो, और एक बुलबुल चहकने लगी लेकिन उस आदमी ने नहीं सुना। इसलिए इस बार वह जोर से चिल्लाया और आकाश में घटाएं उमङ़ने लगी, बादलो की गड़गडाहट …
Read More »मनुष्य उदारता से कर सकता है हर बुराई में सुधार
एक गुरु अपने आश्रम में कई जगह से आए शिष्यों को शिक्षा देते थे। ऐसे ही एक वर्ष आश्रम में एक छात्र चोरी करते हुए पकडा गया। यह प्रकरण गुरु के ध्यान में लाया गया और उनसे निवेदन किया गया कि ऐसे छात्र को तो आश्रम से बाहर निकाल देना चाहिए। गुरु ने इस बात की ओर कोई ध्यान नहीं …
Read More »बड़े काम की हैं ये चार बातें
एक साधु थे। उनसे शिक्षा लेने के लिए बहुत से स्त्री पुरुष आते थे। साधु उन्हें बड़ी ही उपयोगी बातें बताया करते थे। एक दिन उन्होंने कहा, ‘तुम लोग चार बातें याद रखो तो जीवन का आनंद ले सकते हो।’ लोगों ने पूछा, ‘स्वामी जी, वे चार बातें क्या हैं ?’ स्वामीजी बोले, पहली बातः तुम जहां भी रहो, अपने को आवश्यक …
Read More »ऐसे मिलती है वास्तविक मुक्ति, जरूर आजमाएं
एक बार की बात है एक संत के पास उनका शिष्य पहुंचा और उनसे विनम्रता से कहा, मुझे मुक्ति का मार्ग बताएं। संत बोले, कब्रिस्तान जाओ और सारी कब्रों को गालियां देकर आओ। शिष्य ने संत के अनुसार ऐसा ही किया। अगले दिन वह शिष्य फिर संत के पास गया तब संत ने कहा, इस बार तुम फिर कब्रिस्तान जाओ …
Read More »ऐसा क्या हुआ कि सिकंदर महान बन गया केवल सिकंदर
जब सिकंदर भारत आया तब उसकी मुलाकात एक फकीर से हुई। सिकंदर को देख फकीर हंसने लगा। इस पर सिकंदर ने सोचा, ‘ये तो मेरा अपमान है’ और फकीर से कहा, ‘या तो तुम मुझे जानते नहीं हो या फिर तुम्हारी मौत आई है’ जानते नहीं में सिकंदर महान हूं। इस पर फकीर और भी जोर जोर से हंसने लगा। …
Read More »ईश्वर से मिलना चाहते हैं, तो जल्द त्यागें मन से यह भाव
एक बार धार्मिक यात्रा पर गुरु नानक देव जी बनारस गए। उन्होंने गेरुए रंग के वस्त्र, पांव में जूती, सिर पर टोपी, गले में माला और केसर का तिलक लगाए हुए थे। लोगों ने सोचा दूर देश से कोई महात्मा आए हैं। इसलिए काफी लोग उनके आस-पास एकत्र हो गए। तब वह लोग एक पंडित को बुला लाए। काशी के …
Read More »जानिए किसने कहा था, ‘निंदा को इसीलिए करें नजरअंदाज’
एक बार मुल्ला इस्माइल इसफहानी नमाज पढ़ रहे थे। एक दुष्ट व्यक्ति वहां से गुजरा और उन्हें अपशब्द कहने लगा। लेकिन मुल्ला साहब उस ओर ध्यान न देते हुए नमाज पढ़ते रहे। बाद में नमाज खत्म होने के बाद उनके एक शिष्य मिर्जा मुकीम ने पूछा, ‘यह दुष्ट आपको इतने अपशब्द कह रहा था, और आप उसे नजरअंदाज कर रहे …
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