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Tag Archives: gurudev

इस तरह कीजिए आत्मज्ञान का सदुपयोग

महाकश्यप भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य थे। बुद्ध उनकी त्याग भावना तथा ज्ञान से संतुष्ट होकर बोले, वत्स, तुम आत्मज्ञान से पूर्ण हो चुके हो, तुम्हारे पास वह सब है, जो मेरे पास है। अब जाओ और सत्यसंदेश का जगह-जगह प्रचार-प्रसार करो। महाकश्यप ने ये शब्द सुने, तो वह मायूस हो गए। वह बोले, गुरुदेव, यदि मुझे पहले ही पता …

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इस दुनिया में होता है सभी का अपना अपना मूल्य

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रामकृष्ण परमहंस के पास एक बार एक सेठ आया। सेठ अहंकारी और लोभी था। अपने अहंकार की पुष्टि के लिए उसने एक कीमती दुशाला रामकृष्ण को भेंट की। स्वामी जी ने उस दुशाला को स्वीकार कर लिया। कुछ दिनों बाद जब सेठ फिर आया तो देखा दुशाला तो नीचे बिछा हुआ है। वह मन ही मन बहुत चिंतित हुआ। उसे …

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इंसान से अच्छा होता है खुदा का साथ

good-man-is-with-god

एक बार सूफी संत खय्याम अपने शिष्य के साथ बीहड़ से जा रहे थे। उनके नमाज पढ़ने का समय हुआ तो, गुरु और शिष्य दोनों नमाज पढ़ने के लिए बैठे ही थे कि उन्हें सामने से एक शेर की गर्जना सुनाई दी। शिष्य बेहद परेशान हो गया और नजदीक के ही पेड़ पर चढ़ गया। लेकिन खय्याम खामोशी से नमाज …

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उम्मीद और हौसले की मिसाल थीं विल्मा रुडोल्फ

Expectancy and freshness were the examples of Wilma Rudolph

विल्मा रुडोल्फ एक दिव्यांग महिला थीं, जिन्होंने अपने हौसले की दम पर ओलंपिक में गोल्ड मैडल जीता था। उनका जन्म 23 जून 1940, सेंट बेथलहम, टेनेसी में हुआ था। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के अंतर्गत ही आता है।  रुडोल्फ की जीवनी काफी प्रेरक है। उनके लिए जो दिव्यांग हैं और उनके लिए जो दिव्यांग नहीं हैं। उन्हें ढाई साल की …

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गुस्से पर भारी बु्द्धि जिसे गुस्सा भी रोक न पाया

एक बार एक संत के शिष्य ने संत से पूछा ‘गुरुदेव आप हमेशा कहते हैं कि हमें एक क्षण के लिए भी प्रभु की ओरसे ध्यान नहीं हटाना चाहिए। किंतु यह कैसे संभव है? माया का इतना मोहक स्वरूप है जो सभी को अपनी और आकर्षित कर लेता है और वैसे भी जिसे मोक्ष मिलना है, उसे किसी भी समय …

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गुरुदेव चरण कमलो में मुझे आप लगाए रखना

saare teerth dhaam aapake charanon mein

गुरुदेव चरण कमलो में, मुझे आप लगाए रखना जी। इन चरणों में शीतल छाया, पास बिठाए रखना जी॥ दिन दिन दूनी होवे भावना, सुरती लगाए रखना जी॥ पूजा करूँ तेरे मंदिर में, ज्योति जलाए रखना जी॥ मैं सेवक तू स्वामी मेरा, दास बनाए रखना जी॥ परम गुरु जय जय राम परम गुरु जय जय राम

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सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में

Sare tirath dham aap ke charno main story

दोहा: सद्गुरु जिन का नाम है, मन के भीतर धाम है ऐसे दीनदयाल को मेरा बार बार प्रणाम है कैसे करूँ मैं वंदना, ना स्वर है ना आवाजआज पृख्शा है मेरी, मेरी लाज राखो गुरु आप कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हसे हम रोएऐसी करनी कर चलो, हम हसे जग रोए तीन लोक नव खंड में, गुरु से बड़ो …

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गुरुदेव तुम्हारी जय जय हो

Umar ka panchi udata jata bhajan

गुरुदेव तुम्हारी जय जय हो सद्गुरु तुम्हारी जय जय हो सोमनाथ तुम्हारी जय जय हो रामनाथ तुम्हारी जय जय हो विश्वनाथ तुम्हारी जय जय हो भोले नाथ तुम्हारी जय जय हो महादेव तुम्हारी जय जय हो महाकाल तुम्हारी जय जय हो केदारनाथ तुम्हारी जय जय हो त्रिम्ब्केश्वर तुम्हारी जय जय हो नागेश्वर तुम्हारी जय जय हो मलिकार्जुन तुम्हारी जय जय …

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गुरु का महत्त्व क्यों ?

Guru Purnima oshad main story

भारतीय संस्कृति में ‘आचार्य देवो भव’ कहकर गुरु को असीम श्रद्धा का पात्र माना गया है । गुरु शब्द में ‘गु’ का अर्थ अंधकार तथा ‘रु’ का दूर करने से लगाया जाता है । अर्थात जो अंधकार को दूर कर सके, वहीं गुरु है । वैसे, हमारे शास्त्रों में गुरु के अनेक अर्थ बताएं गए हैं । गुरु का महत्त्व …

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विलक्षण गुरुदक्षिणा

gurudakshina

आचार्य द्रोण का अपमान उनके सहपाठी पांचाल नरेश द्रुपद ने यह कह कर दिया कि एक राजा की तुम्हारे जैसे श्रीहीन और निर्धन मनुष्य के साथ कैसी मित्रता? इस तरह राजा द्रुपद से अपमानित हो बदला लेने की भावना से आचार्य द्रोण हस्तिनापुर में राजकुमारों को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा देने लगे। एक दिन आचार्य द्रोण ने अपने शिष्यों से कहा …

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