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Tag Archives: guruji

जो प्राप्त है-पर्याप्त है!!

एक सभा में गुरु जी ने प्रवचन के दौरान एक 30 वर्षीय युवक को खड़ा कर पूछा कि- आप मुम्बई में जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लड़की आ रही है तो आप क्या करोगे? युवक ने कहा- उस पर नजर जायेगी, उसे देखने लगेंगे। गुरु जी ने पूछा- वह लड़की आगे बढ़ गयी तो …

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जानिए यह है आत्मा की मुक्ति का सच्चा मार्ग

किसी धनी व्यक्ति के घर एक संत भिक्षा लेने के लिए गए। उस व्यक्ति के यहां एक तोता था वो पिंजरे में कैद था। तोता संत को देखकर बहुत खुश हुआ।भिक्षा लेने के बाद जब संत जाने लगे तो तोते ने कहा, ‘हे महात्मा! में इस पिंजरे में काफी दिनों से बंद हूं। जब में अपने साथियों को उड़ते हुए …

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गोरा राम, काला राम

गोरा राम, काला राम

एक समय की बात है एक गुरु के २ शिष्य थे एक का नाम (गोरा राम) और दूसरे का नाम (काला राम) था, गुरु जी का ज्यादा लगाव (काले राम) के साथ था और गुरु जी उसको ज्यादा अहमियत देते थे, एक दिन एक शख्स ने उनसे से पूछा गुरु जी आप (गोरे) से ज्यादा (काले) को तवज्जो क्यूँ देते …

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बुरे समय को ऐसे टालिए

बुरे समय को ऐसे टालिए

शाम का समय था। महात्मा बुद्ध एक शिला पर बैठे हुए थे। वह डूबते सूर्य को एकटक देख रहे थे। तभी उनका शिष्य आया और  गुस्से में बोला, ‘गुरुजी ‘रामजी’ नाम के जमींदार ने मेरा अपमान किया है। आप तुरंत चलें, उसे उसकी मूर्खता का सबक सिखाना होगा। महात्मा बुद्ध मुस्कुराकर बोले, ‘प्रिय तुम बौद्ध हो, सच्चे बौद्ध का अपमान …

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आध्यात्मिक हिंदी कहानी

आध्यात्मिक हिंदी कहानी

प्रातः काल का समय था। गुरुकुल में हर दिन की भांति गुरूजी अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहे थे। आज का विषय था- “आत्मा” आत्मा के बारे में बताते हुए गुरु जी ने गीता का यह श्लोक बोला – अर्थात: आत्मा को न शस्त्र छेद सकते हैं, न अग्नि जला सकती है, न जल उसे गला सकता है और न …

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किसी का अंधा अनुसरण ना करने की सीख देती हिंदी कहानी

एक बार की बात है। एक गुरूजी थे। उनके बहुत से शिष्य थे। उन्होंने एक दिन अपने शिष्यों को बुलाया और समझाया-शिष्यों सभी जीवों में ईश्वर का वास होता है इसलिए हमें सबको नमस्कार करना चाहिए। कुछ दिनों बाद गुरूजी ने एक विशाल हवन का आयोजन किया और कुछ शिष्यों को लकड़ी लेने के लिए पास के जंगल भेजा। शिष्य लकड़ियाँ …

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गोरा राम, काला राम

There were 2 disciples of a Guru

एक समय की बात है एक गुरु के २ शिष्य थे एक का नाम (गोरा राम) और दूसरे का नाम (काला राम) था, गुरु जी का ज्यादा लगाव (काले राम) के साथ था और गुरु जी उसको ज्यादा अहमियत देते थे, एक दिन एक शख्स ने उनसे से पूछा गुरु जी आप (गोरे) से ज्यादा (काले) को तवज्जो क्यूँ देते …

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परमहंस ने बताया सांसारिक बंधनों से ऐसे पाएं छुटकारा

एक बार रामकृष्ण परमहंस नदी के घूम रहे थे। उनके साथ उनके कुछ शिष्य भी थे। रामकृष्ण परमहंस अपने शिष्यों से बातें कर रहे थे। नजदीक ही नदी के किनारे अनेक मछुआरे मछलियां पकड़ रहे थे। कभी मछलियां मछुआरों के हाथ लग जातीं, तो कभी निराशा उनके हाथ लगती। रामकृष्ण परमहंस जाल में फंसी मछलियों की गतिविधियों को बड़े ध्यान …

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मैं जो कल था, वह आज नहीं

मैं जो कल था, वह आज नहीं

बात बहुत पुरानी है। एक बौद्ध गुरु के दर्शन करे लिए लोग दूर-दूर से आते थे। गुरुजी बड़ी ही उदारता के साथ लोगों से मिलते थे। वह लोगों की समस्याओं को सुनते और उनका समाधान करते। इस तरह धीरे-धीरे शरणार्थियों की भीड़ बढ़ने लगी। तभी एक दिन गुरुजी की प्रशंसा सुन, एक व्यक्ति मिलने आया। वह बहुत गरीब था। वह …

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चीन के संत च्वांगत्से को कपाल ने दिया ज्ञान

चीन के संत च्वांगत्से को कपाल ने दिया ज्ञान

चीन के प्रसिद्ध संत च्वांगत्से रात के समय घूम रहे थे। अचानक उनको ठोकर लगी। उन्होंने संभल कर देखा वहां एक मानव की खोपड़ी पड़ी हुई थी। दार्शनिक कुछ देर खड़े होकर सोचते रहे फिर उन्होंने खोपड़ी उठाई और अपने थैले में डाल दी। उस दिन के बाद जब भी वे कहीं जाते उसे अपने साथ ही रखते। एक दिन …

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