स्वातंत्र्य गर्व उनका, जो नर फाकों में प्राण गंवाते हैं , पर, नहीं बेच मन का प्रकाश रोटी का मोल चुकाते हैं । स्वातंत्र्य गर्व उनका, जिनपर संकट की घात न चलती है , तूफानों में जिनकी मशाल कुछ और तेज़ हो जलती है । स्वातंत्र्य उमंगो की तरंग, नर में गौरव की ज्वाला है , स्वातंत्र्य रूह की ग्रीवा …
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मातृ- पितृ भक्त श्रवणकुमार
श्रवणकुमार जाति से वैश्य थे। इनके माता-पिता दोनों अन्धे हो गये थे। बड़ी सावधानी और श्रद्धा से ये उनकीसेवा करते थे और उनकी प्रत्येक इच्छा पूरी करने का प्रयत्न करते थे। इनके माता-पिता की इच्छा तीर्थयात्रा करने की हुई। उन्होंने एक कांवर बनायी और उसमें दोनों को बैठाकर कंधे पर उठाये हुए ये यात्रा करने लगे। ब्रह्माण के लिये तो …
Read More »जाई दुर्गा मा
दरबार तेरा सज़ा गया है भक्तो को दर्र पेर बुलाया गया है आजा आजा लीले के सॉवॅर आजा आजा आजा श्याम सरकार आजा दरबार तेरा सज़ा गया है भक्तो को दर्र पेर बुलाया गया है आजा आजा लीले के सॉवॅर आजा आजा आजा श्याम सरकार आजा भक्तो ने तेरी ज्योत जगाई भजन भाव की गंगा बहाई भक्तो ने तेरी ज्योत …
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