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Tag Archives: kailash

उत्तर शिवजी ही जानें

Shiv ji

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की हमारे भारत में ऐसे शिव मंदिर भी है जो केदारनाथ से लेकर रामेश्वरम तक एक सीधी रेखा में बनाये गये है। हमें आश्चर्य है कि हमारे पूर्वजों के पास ऐसा कैसा विज्ञान और तकनीक था जिसे हम आज तक समझ ही नहीं पाये? उत्तराखंड का केदारनाथ, तेलंगाना का कालेश्वरम, आंध्रप्रदेश का कालहस्ती, तमिलनाडू का …

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गणेशजी ने यूं चकनाचूर किया था कुबेर का घमंड

गणेशजी ने यूं चकनाचूर किया था कुबेर का घमंड

एक बार की बात है। कुबेर को अपने धन-वैभव पर बहुत अभिमान हो गया था। उन्होंने सोचा कि मेरे पास इतनी समृद्धि है, तो क्यों न मैं शंकरजी को अपने घर पर भोजन का न्योता दूं औैर उन्हें अपना वैभव दिखाऊं। यह विचार लेकर कुबेर कैलाश पर्वत गए और वहां शंकरजी को भोजन पर पधारने का न्योता दिया। शंकरजी को …

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शंकर मेरे कब होंगे दर्शन तेरे

ओ शंकर मेरे कब होंगे दर्शन तेरे | जीवन पथ पर, शाम सवेरे छाए है घनघोर अँधेरे || मै मूरख तू अंतरयामी, मै Servant तू मेरा स्वामी | काहे मुझ से नाता तोडा, मन छोड़ा, मन्दिर भी छोड़ा, कितनी दूर लगाये तूने जा कैलाश पे डेरे || तेरे द्वार पे जोत जगाते, युग बीते तेरे गुण गाते | ना मांगू …

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गणेश जी पर शनि की दृष्टि

Jai Ganesh Bhajan

एक बार कैलाश पर्वत पर, महायोगी सूर्यपुत्र शनैश्चर शंकरनंदन गणेश को देखने के लिए आये । उनका मुख अत्यंत नम्र था, आंखें कुछ मुंदी हुई थीं और मन एकमात्र श्रीकृष्ण में लगा हुआ था, अत: वे बाहर – भीतर श्रीकृष्ण का स्मरण कर रहे थे । वे तप: फल को खाने वाले, तेजस्वी, धधकती हुई अग्नि की शिखा के समान …

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परम शैव भगवान विष्णु की शिवोपासना

Bhagwan Shiv Ke liye

समय के परिवर्तन से कभी तो देवता बलवान हो जाते हैं और कभी दानव। एक बार दानवों की शक्ति बहुत अधिक हो गयी और वे देवों को बहुत अधिक कष्ट पहुंचाने लगे। देवता बहुत संत्रस्त और संतप्त हुए। इसलिए अपने दु:खों की निवृत्ति के लिए भगवान विष्णु के समीप गए और उनकी स्तुति करने लगे। स्तुति से प्रसन्न होकर विष्णु …

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