भीष्म पितामह रणभूमि में शरशैया पर पड़े थे। हल्का सा भी हिलते तो शरीर में घुसे बाण भारी वेदना के साथ रक्त की पिचकारी सी छोड़ देते। ऐसी दशा में उनसे मिलने सभी आ जा रहे थे। श्री कृष्ण भी दर्शनार्थ आये। उनको देखकर भीष्म जोर से हँसे और कहा…. आइये जगन्नाथ।.. आप तो सर्व ज्ञाता हैं। सब जानते हैं, …
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कर्म का चरित्र पर प्रभाव
कर्म शब्द ‘कृ’ धातु से निकला है, ‘कृ’ धातु का अर्थ है करना । जो कुछ किया जाता है, वहीं कर्म है । इस शब्द पारिभाषिक अर्थ ‘कर्मफल’ भी होता है । दार्शनिक दृष्टि से यदि देखा जाएं, तो इसका अर्थ कभी कभी वे फल होते हैं, जिनका कारण हमारे पूर्व कर्म रहते हैं । परंतु कर्मयोग में ‘कर्म’ शब्द …
Read More »लंच या डिनर से पहले प्रार्थना
ब्रम्हा-रपनाम ब्रम्हहावी ब्रम्हा-गञोव ब्रम्हा-नाहुतम ब्रम्हैइवा तेना गंतव्यं ब्रम्हा-कर्मा समा-धीना [To English Wish4me] Bramha-rapanam bramhahavi Bramha-gnow bramha-naahutam Bramhaiva tena gamtavyam Bramha-karma samaa-dhinaa . .
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