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Tag Archives: kathaa

चैतन्य महाप्रभु, वाल्मीकि और शंकराचार्य के आविर्भाव की कथा

Chatanya Maha Parbhu Valmiki

  देवगुरु बृहस्पति ने कहा – देवेंद्र ! प्राचीन काल में किसी समय वेदपारंगत विष्णुशर्मा नाम के एक ब्राह्मण थे । वे प्रसन्नचित्त से सर्वदेवमय विष्णु की पूजा करते थे, इसलिए देवतालोक भी उनकी प्रतिष्ठा करते थे, इसलिए देवतालोग भी उनकी प्रतिष्ठा करते थे । वे भिक्षावृत्ति से जीवननिर्वाह करते थे, उनकी स्त्री थी किंतु कोई पुत्र न था । …

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द्रौपदी- स्वयंवर की कथा

Draupadee- svaynvar kee kathaa

राजा द्रुपद के मन में यह लालसा थी कि मेरी पुत्री का विवाह किसी-न- किसी प्रकार अर्जुन के साथ हो जाये। परन्तु उन्होनें यह विचार किसी से प्रकट नहीं किया। अर्जुन को पहचानने के लिये उन्होनें एक धनुष बनवाया, जो किसी दूसरे से झुक न सके। इसके अतिरिक्त्त आकाश में ऐसा कृत्रिम यन्त्र टँगवा दिया, जो चक्कर काटता रहता था। …

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पिंजरे के पांच्छीी रे

Pinjare Ke Panchi Re Bhajan

पिंजरे के पांच्छीी रे, तेरा दारद ना जाने कोए(2) कहा ना सके तू, अपनीी कहानी तेरी भी पांच्छीी, क्या ज़िंदगानीी रे विधि ने तेरी कथा लिखीी आँसूऊ में कलाम डुबोए तेरा दारद चुपके चुपके, रोने वाले रखना च्छुपाके, दिल के च्चाले रे ये पत्थर का देश हैं पगले, यहाँ कोई ना तेरा होय तेरा दारद [To English wish4me] Pinjare ke …

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पत्थर की कीमत (value of stone)

value-of-ston

एक हीरा व्यापारी था जो हीरे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ माना जाता था, किन्तु गंभीर बीमारी के चलते अल्प आयु में ही उसकी मृत्यु हो गयी। अपने पीछे वह अपनी पत्नी और बेटा छोड़ गया। जब बेटा बड़ा हुआ तो उसकी माँ ने कहा- “बेटा, मरने से पहले तुम्हारे पिताजी ये  पत्थर छोड़ गए थे, तुम इसे लेकर बाज़ार जाओ …

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