तात, यदि तुम जन्म मरण के चक्र से मुक्त होना चाहते हो तो जिन विषयो के पीछे तुम इन्द्रियों की संतुष्टि के लिए भागते फिरते हो उन्हें ऐसे त्याग दो जैसे तुम विष को त्याग देते हो. इन सब को छोड़कर हे तात तितिक्षा, ईमानदारी का आचरण, दया, शुचिता और सत्य इसका अमृत पियो. वो कमीने लोग जो दूसरो की …
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कुण्डलपर में बधाई के नगरी में वीर जन्मे
बजे कुण्डलपर में बधाई, बजे कुण्डलपर में बधाई, बजे कुण्डलपर में बधाई, के नगरी में वीर जन्मे, के नगरी में वीर जन्मे, महावीर जी जागे भाग हैं त्रिशला माँ के, जागे भाग हैं त्रिशला माँ के, के त्रिभवन के नाथ जन्मे,के त्रिभवन के नाथ जन्मे, महावीर जी हो… शुभ घडी जनम की आई, हो… शुभ घडी जनम की आई, हो… …
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