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Tag Archives: lakhan

देखा लखन का हाल तो श्री राम रो पड़े

dekha lakhan ka haal to shree raam ro pade

देखा लखन का हाल तो श्री राम रो पड़े ।अंगत सुग्रीव जामवंत बलवान रो पड़े ॥ लंका विजय की अब मुझे, चाहत नहीं रही ।मुझमें धनुष उठाने की, ताकत नही रही ।रघुवर के साथ धरती, आसमान रो पड़े ॥ करने लगे विलाप, श्री राम फुटकर ।क्या मै जवाब दूँगा, अयोध्या में लौटकर ।जितने थे मन में राम के, अरमान रो …

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आज मंगलवार है, महावीर का वार है

Aaj Mangalvar Hai Maha Veer Ka Var Hai Bhajan

आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है । सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है ॥ आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है । सच्चे मन से जो कोई ध्यावे , उसका बेडा पार है ॥ चैत सुदीप पूनम मंगल का जनम वीर ने पाया है, जनम वीर …

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जय हो जय तो तुम्हारी जी बजरंगबली

Salasr Wale Ne Kamal Kar Diya Bhajan

जय हो जय तो तुम्हारी जी बजरंगबली, ले के शिव रूप आना गज़ब हो गया । त्रेता युग में थे तुम आये, द्वार में भी, तेरा कलयुग में आना गज़ब हो गया ॥ बचपन की कहानी निराली बड़ी, जब लगी भूख बजरंग मचलने लगे । फल समझ कर उड़े आप आकाश में, तेरा सूरज को खाना गज़ब हो गया ॥ …

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हनुमान चालीसा

Mangal Murti Maruti Nandan Story

दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार । बल बुधि बिद्या देहु मोहि, हरहु कलेस विकार ।। चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ।। राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ।। महाबीर बिक्रम बजरंगी …

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मंगल मूरति मारुतनंदन जय हनुमान

vande santan hanumantan

मनोजवम मारुत तुल्य वेगम, जितेंद्रियम बुद्धिमतां वरिष्ठं वातात्मजं वानारायूथ मुख्यम, श्रीराम दूतं शरणम प्रपद्धे || मंगल मूरति,  मारुतनंदन,  भक्तविभूषण जय हनुमान सकल अमंगल, मूल निकंदन,  संकट मोचन जय हनुमान || (जय हनुमान  – जय हनुमान ) – २ (जय हनुमान -जय हनुमान,   जय हनुमान -जय हनुमान) – २ पवन तनय संतन हितकारी, ह्रदय बिराजत अवधविहारी राम लखन सीता श्री …

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श्रीभरत जी के विशेषतर धर्म से शिक्षा

Bhagat Ka Adbhut Avdaan

भगवत धर्म अर्थात् भगवत सेवा (श्रीराम भक्ति) ही श्रीभरत जी की भी इष्ट – चर्या थी । यथा – साधन सिद्धि राम पग नेहू । मोहि लखि परत भरत मत एहू ।। परंतु इतना अंतर था कि श्रीलखनलाल की सेवा संयोगवस्था संबंधी अर्थात् भजनरूप की थी । उनको स्वामी की सन्निधि में – हुजूरी में सेवा वियोगावस्थासंबंधी अर्थात् स्मरणरूप की …

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आंगने में बधैया बाजे

Agneye Main Bandhe Baje

आँगने में बधैया बाजे .. चंद्रमुखी मृगनयनी अवध की तोड़त ताने रागने में बधैया बाजे, आंगने में बधैया बाजे .. प्रेमभरी प्रमदागन नाचे नूपुर बाँधे पायने में बधैया बाजे, आंगने में बधैया बाजे .. न्योछावर  श्री राम लला की, राम लला की, श्री भरत लला की, भरत लला की, श्री  लखन लला की, लखन लला की, शत्रुघन लला की, नहिं  …

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बधैया बाजे

badhaiya baaje

बधैया बाजे, आंगने में बधैया बाजे .. राम, लखन, शत्रुघन, भरतजी, झूलें कंचन पालने में . बधैया बाजे, आंगने में बधैया बाजे .. राजा दसरथ रतन लुटावै, लाजे ना कोउ माँगने में . बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे .. प्रेम मुदित मन तीनों रानी, सगुन मनावैं मन ही मन में . बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे .. राम …

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