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Tag Archives: mahatma

जानिए महात्मा गांधी की नजर में धर्म का अर्थ

जानिए महात्मा गांधी की नजर में धर्म का अर्थ

एक बार महामना मदनमोहन मालवीय, महात्मा गांधी व कुछ अन्य लोग धर्म पर चर्चा कर रहे थे। चर्चा के दौरान मालवीय जी ने गांधीजी से पूछा, ‘बापू आपकी दृष्टि में धर्म क्या है?’ तब गांधीजी बोले, मेरी दृष्टि से धर्म का अर्थ कर्तव्य है। समाज के हर व्यक्ति का अलग धर्म है। सैनिक का धर्म अपने राष्ट्र व समाज की …

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बापू ने बताया दान और व्यापार का महत्व

Mahatma Gandhi's

एक दिन एक व्यक्ति महात्मा गांधी के पास आकर अपना दुःख सुनाने लगा। उसने गांधी जी से कहा कि बापू, यह दुनिया बड़ी बेईमान है। आप तो यह अच्छी तरह से जानते हैं कि मैनें पचास हजार रुपए दान देकर धर्मशाला बनवाई थी। पर अब उन लोगों ने मुझे ही उसकी प्रबंध समिति से हटा दिया है। धर्मशाला नहीं थी …

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बुरी आदत

एक अमीर आदमी अपने बेटे की किसी बुरी आदत से बहुत परेशान था. वह जब भी बेटे से आदत छोड़ने को कहते तो एक ही जवाब मिलता , ” अभी मैं इतना छोटा हूँ..धीरे-धीरे ये आदत छोड़ दूंगा !” पर वह कभी भी आदत छोड़ने का प्रयास नहीं करता. उन्ही दिनों एक महात्मा गाँव में पधारे हुए थे, जब आदमी को उनकी …

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राजा और महात्मा

Raajaa aur mahaatmaa

चंदनपुर का राजा बड़ा दानी और प्रतापी था , उसके राज्य में सब खुशहाल थे पर राजा एक बात को लेकर बहुत चिंतित रहा करता था कि धर्म व दर्शन पर लोगोँ के विचारोँ मेँ सहमति क्योँ नहीँ बनती। एक बार राजा ने विभिन्न धर्मोँ के उपदेशकोँ को आमंत्रित किया और एक विशाल कक्ष में सभी का एक साथ रहने …

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श्रीकृष्ण और भागवत धर्म

Suni Kanha Teri Bansuri

मनुष्य जीवन का चरम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति है । भव बंधन से विमुक्त हो जाना, जीवात्मा का परमात्मा की सत्ता में विलीन हो जाना, आत्मतत्त्व का परमात्मतत्त्व के साथ अभेद हो जाना तथा हृदय के अंतस्तल में ‘वासुदेव: सर्वमिति, सर्वं खल्विदं ब्रह्म’ इत्यादि त्रिकालावाधित सिद्धांतवादियों की दिव्य ज्योति का समुद्भासित हो उठना ही मोक्ष है, यही परम पुरुषार्थ है । …

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भाव ऊंचा रहे हमारा

हम को अपना सुधार करना चाहिये। हमारे द्वारा अब ऐसा कोई काम नहीं होना चाहिये, जो हमें खतरे में डालने वाला हो। भाव ऊंचा बनायें। भाव अपना है, अपने अधिकार की बात है। फिर कमी क्यों रहने दें। अनिच्छा- परेच्छा से जो कुछ आकर प्राप्त होता है वह हमारा प्रारब्ध है। कोई भी काम करें उस में ऊंचे-से-ऊंचा भाव रखें। …

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महात्माओं का प्रभाव

Guru Purnima oshad main story

महात्मा पुरुषों की कोई सीमा नहीं होती, जो साधारण महात्मा होते हैं, उनके गुण, प्रभाव, रहस्य कोई नहीं बता सकता और जो भगवान् के भेजे हुए महापुरुष होते हैं उनकी तो बात ही क्या है, वे तो भगवान् के समान होते हैं। यह कह दें तो भी कोई आपत्ति नहीं। भगवान् के दर्शन, भाषण से जो लाभ मिलता है उनके …

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मुट्ठी भर मेढक

muthibhar medhak

बहुत समय पहले की बात है किसी गाँव में मोहन नाम का एक किसान रहता था . वह बड़ा मेहनती और ईमानदार था . अपने अच्छे व्यवहार के कारण दूर -दूर तक उसे लोग उसे जानते थे और उसकी प्रशंशा करते थे . पर एक दिन जब देर शाम वह खेतों से काम कर लौट रहा था तभी रास्ते में …

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बुरी आदत (story of a boy with bad habit)

A-bad-habbit

एक अमीर आदमी अपने बेटे की किसी बुरी आदत से बहुत परेशान था. वह जब भी बेटे से आदत छोड़ने को कहते तो एक ही जवाब मिलता , ” अभी मैं इतना छोटा हूँ..धीरे-धीरे ये आदत छोड़ दूंगा !” पर वह कभी भी आदत छोड़ने का प्रयास नहीं करता. उन्ही दिनों एक महात्मा गाँव में पधारे हुए थे, जब आदमी को उनकी …

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पेड़ नहीं छोड़ता (how to get rid of drunk addiction)

Ped-nahi-Chhodta

एक बार की बात है . एक व्यक्ति को रोज़-रोज़ जुआ खेलने की बुरी आदत पड़ गयी थी . उसकी इस आदत से सभी बड़े परेशान रहते. लोग उसे समझाने कि भी बहुत कोशिश करते कि वो ये गन्दी आदत छोड़ दे , लेकिन वो हर किसी को एक ही जवाब देता, ” मैंने ये आदत नहीं पकड़ी, इस आदत …

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