भगवान अपने भक्तों में किसी प्रकार का अंतर नहीं करता है. इसका प्रमाण है अमरनाथ धाम. हिन्दु जिस अमरनाथ धाम की यात्रा को अपना सौभाग्य मानते हैं उस अमरनाथ धाम के विषय में बताने वाला एक मुस्लिम गड़रिया था. जिसे पशु चराते बाबा हिमानी अमरनाथ का पता उसी प्रकार लगा जिस तरह बैजू को बाबा बैद्यनाथ का पता चला. आज …
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मेला मैया दा आउँदा है हर साल
मेला मैया दा आउँदा है हर साल, लोकी नच्दे ने दर ते खुशीआं नाल। मेला मैया दा… जेहड़ा वी सवाली दूरो चल दर आउँदा, ओह्दी चोली विच्च खैर मैया पावंदी। मन्दिराँ च आके जेहड़ा जोत नु जगाउंदा, ओहनू सच्ची मैया दरश दखावंदी। वंडदी मुरादा सारे भागता नू अम्बे, देवे खुशीआं च करदी निहाल॥ मेला मैया दा… लाल सूहा चोला, अठ्ठा …
Read More »होवे फुल्लां दी वरखा मन्दिर ते
फुल्लां दे नाल सजिया देखो रानी माँ दा मंदिर खिड़ खिड़ कर के हस्दी दाती सज्ज के बैठी अंदर चरना दे विच्च झुक गए आके अकबर जहे सिकंदर भंगड़े पाउँदै भगत मैया दे सब बन गए मस्त कलंदर माँ खुश है मस्त कलंदरां ते, होवे फुल्लां दी वरखा मन्दिर ते साजिया फुल्लां दे नाल माँ दा दरबार है शेर ते …
Read More »मेरे घर में भी आजाओ मेरी रानी माँ
मेरे घर में भी आजाओ मेरी रानी माँ मेर रानी माँ, मेरी रानी माँ मुझे आ कर दरश दिखाओ मेरी रानी माँ जय जय शेरा वाली माँ, जय जय महरा वाली माँ आ जाओ माँ शेरों वाली आपको रोज बुलाऊँ गोद में रख के सर अपना मैं दिल का हाल सुनाऊँ मुझे अपने पास बिठाओ, मेरी रानी माँ मेरे घर …
Read More »विच्च पहाड़ां गुफा दे अन्दर मन्दिर एक निराला ए
विच्च पहाड़ां गुफा दे अन्दर, मन्दिर एक निराला ए बारो महीने खुलेया रेह्न्दा, ना बुहा ना ताला ए जय माता दी केहन्दे केहन्दे चढ़दे लोग चढाईआं ने इक पासे ने ऊँचे पर्वत दूजे पासे खाईयां ने फिर वी जो दर्शन नु आउँदा, समझो किस्मत वाला ए बारो महीने खुलेया रेह्न्दा… औंदी जांदी संगता दा जित्थे रेला लगया रेह्न्दा ए दिन …
Read More »शाकम्भरी माँ के मंदिर में बनते बिगड़े काम
लेकर मईया जी का नाम चालो चालो सकराय धाम, शाकम्भरी माँ के मंदिर में बनते बिगड़े काम, लेकर मईया जी का नाम चालो चालो सकराय धाम | बैठी है दरबार लगा के रुद्राणी ब्रम्हाणी, सकराय धाम का कण-कण गाये माँ की अमर कहानी, पर्वत के ऊपर है माँ का मंदिर आलिशान, लेकर मईया जी का नाम चालो चालो सकराय धाम …
Read More »आये है हम साईं बाबा तेरे दरबार मे
हे साईं नाथ तेरे मन्दिर में आये है हम फ़रिआदी | दर्शन दे अपने भक्तो को, साईं तोड़ दे आज समाधी साईं || दिल नहीं लगता कहीं हमारा अब तो इस संसार मे | आये है हम साईं बाबा तेरे ही दरबार मे || जब से तेरा रहम हुआ है, सवर गया है जीवन | जी करता है करदे अर्पण, …
Read More »मंदिर का पुजारी
एक बार की बात है कि एक समृद्ध व्यापारी , जो सदैव अपने गुरू से परामर्श करके कुछ न कुछ सुकर्म किया करता था, गुरु से बोला-“गुरुदेव, धनार्जन हेतु मैं अपना गाँव पीछे ज़रूर छोड़ आया हूँ, पर हर समय मुझे लगता रहता है कि वहाँ पर एक ऐसा देवालय बनाया जाये जिसमें देवपूजन के साथ-साथ भोजन की भी व्यवस्था हो,अच्छे संस्कारों से …
Read More »मन की आखों से मै देखूँ रूप सदा सियाराम का
दोहा : किस काम के यह हीरे मोती, जिस मे ना दिखे मेरे राम | राम नहीं तो मेरे लिए है व्यर्थ स्वर्ग का धाम || मन की आखों से मै देखूँ रूप सदा सियाराम का | कभी ना सूना ना रहता आसन मेरे मन के धाम का || राम चरण की धुल मिले तो तर जाये संसारी | दो …
Read More »महावीर हनुमान गोसाई हम है तुमरे शरणाई
महावीर हनुमान गोसाई, हम है तुमरे शरणाई। सिंधूर सजीली प्रतिमा, मंदिर में मेरे समाई। एक हाथ गदा तोहे सोहे, एह हाथ गिरिधारी। दर्शन करत मोरी अखियाँ, भक्ति की ज्योति जगाये॥ वानर मुखमंडल प्यारा,दर्शन से मिटे भय सारा। है दिव्य नयन, ज्योतिर्मय, हर ले जीवन अँधियारा। श्री राम नाम की चदरिया, तन पे तुम्हारे लहराई॥ जिसपर कृपा हो तुम्हारी, बन जाये …
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