हमारे सभी शुभ-अशुभ कर्मों का कारण मन है। उपनिषद् में कहा गया है, ‘मन एव मनुष्याणां कारणं बंधमोक्षयोः।’ अर्थात् मन के परिष्कृत शुद्ध हो जाने से या उसमें सत्य को प्रतिष्ठित करने से स्वतः दया, करुणा, उदारता, सेवा, परोपकार जैसे सद्गुणों का समावेश हो जाता है। भगवान् श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हुए कहते हैं, जिसका मन वश में है, …
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Itani Shakti Hme
इतनी शक्ति हमें दे न दाता मन का विशवास कमज़ोर हो ना हम चलें नेक रस्ते पे हमेशा भूलकर भी कोई भूल हो ना हर तरफ ज़ुल्म है बेबसी है सहमा सहमा सा हर आदमी है पाप का बोझ बढ़ता ही जाए जाने कैसे ये धरती थमी है बोझ ममता का तू ये उठा ले तेरी रचना का ये अंत …
Read More »मेरी लगी श्याम संग प्रीत दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत दुनिया क्या जाने मुझे मिल गया मॅन का मीट दुनिया क्या जाने मुझे मिल गया मॅन का मीट दुनिया क्या जाने क्या जाने कोई क्या जाने क्या जाने कोई क्या जाने मेरी लगी श्याम संग प्रीत दुनिया क्या जाने मेरी लगी श्याम संग प्रीत दुनिया क्या जाने मुझे मिल गया मॅन का मीट दुनिया क्या …
Read More »हर साँस में है सुमरन तेरा
यू बीट जाए जीवन मेरा तेरी पूजा करते बीते सांझ सवेरा तेरी पूजा करते बीते सांझ सवेरा यू बीट जाए जीवन मेरा यू बीट जाए जीवन मेरा नैनो की खिड़की से तुमको पल पल मई निहारू नैनो की खिड़की से तुमको पल पल मई निहारू मॅन मे बैथहालू तेरी आरती उतारू मॅन मे बैथहालू तेरी आरती उतारू डाले राहु तेरे …
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