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Tag Archives: Monk

कर भला, हो भला

किसी शहर में एकांत क्षेत्र में एक भिक्षुक रहता था। वह रोज भिक्षा लाता और घर पर लाने के बाद कहता, ‘बुरा करने वाले का बुरा, और भला करने वाले का भला होता है।’ उसी शहर में एक वृद्ध महिला रहती थी, उसके विचार ठीक नहीं थे। एक दिन वह भिक्षुक से बोली, ‘क्या तुम यह मानते हो कि तुम्हारे …

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खाली में श्रीकृष्ण रहते है

रास रचिया सावरे , मनमोहन गोपाल

सन्यासी ने एक डिब्बे की ओर इशारा करते हुए दुकानदार” से पूछा, “इसमें क्या है?” दुकानदार ने कहा, “इसमें नमक है।” सन्यासी ने फिर पूछा, “इसके पास वाले में क्या है ?” दुकानदार ने कहा, “इसमें हल्दी है।” इसी प्रकार सन्यासी पूछ्ते गए और दुकानदार बतलाता रहा। अंत मे पीछे रखे डिब्बे का नंबर आया, सन्यासी ने पूछा, “उस अंतिम …

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जब भिक्षु ने पूछा, ईश्वर हैं या नहीं? तथागत ने बताया कि

जब भिक्षु ने पूछा, ईश्वर हैं या नहीं? तथागत ने बताया कि

एक बार भगवान बुद्ध से किसी भिक्षु ने पूछा, ‘तथागत! ईश्वर है या नहीं है? बुद्ध ने सीधा उत्तर न देकर प्रश्नकर्ता भिक्षु से कहा, मनुष्य की समस्या ईश्वर के होने या न होने की नहीं है। मनुष्य की मुख्य समस्या है उसके जीवन में आने वाले दुखों की।’ तथागत ने अपने कथन को स्पष्ट करते हुए तब कहा, ‘तुम …

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हर परिस्थिति में प्रसन्न रहकर ही हम ईश्वर के समीप पहुंच सकते हैं

दो संन्यासी थे, एक वृद्ध और एक युवा । दोनों साथ रहते थे । एक दिन महीनों बाद वे अपने मूल स्थान पर पहुंचे । जो एक साधारण-सी झोपड़ी थी । किंतु जब दोनों झोपड़ी में पहुंचे तो देखा कि वह छप्पर भी आंधी और हवा ने उड़ाकर न जाने कहां पटक दिया । यह देख युवा संन्यासी बड़बड़ाने लगा …

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इस मानचित्र में मेरा बंगला कहां है?

love is stronger then pride

बहुत पुरानी बात है, एक सेठ था दिल का उदार। उसके पास विलासिता की सभी वस्तुएं मौजूद थीं। एक दिन वह संत को अपना बंगला दिखाने लाया। संत अलमस्त थे और सेठ अपने बड़प्पन की डीगें हांकने में व्यस्त था। संत को उसकी हर बात में अहम् ही नजर आता था। संत ने उसकी मैं-मैं की महामारी मिटाने के उद्देश्य …

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इसीलिए धोखा देना पड़ सकता है महंगा

बहुत पुरानी बात है। किसी नगर में एक डाकू रहता था। वह लूट-पाट करता और कुछ धन गरीबों में बांट देता और कुछ अपने पास रखता था। एक दिन कुछ व्यापारियों का समूह उसके इलाके से गुजरा। व्यापारियों को डाकूओं ने घेर लिया। तभी एक व्यापारी, डाकुओं से नजर बचाक दूर पेड़ की आड़ में छिप गया। वहीं नजदीक एक …

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अनुशासन के बिना विकास नहीं

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प्राचीन समय में एक नगर था। वहां एक मठ था। उस मठ के एक वरिष्ठ भिक्षु रहते थे। उनके पास अनेकों सिद्धियां थीं, जिसके चलते उनका सम्मान होता था। सम्मान बहुत बड़ी चीज होती है ये वो जानते थे। इसलिए उनकी महत्वाकांक्षा और कुछ न थी। एक दिन दोपहर के समय वह अपने शिष्यों के साथ ध्यान कर रहे थे। …

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ऐसा करने से आपका आशियाना बन सकता है मंदिर

एक बार की बात है मगध के व्यापारी को व्यापार में बहुत लाभ हुआ। इसके बाद से वह अपने अधीनस्थों से अहंकारपूर्ण व्यवहार करने लगा। व्यापारी का अहंकार इतना प्रबल था कि उसके देखते हुए उसके परिजन भी अहंकार के वशीभूत हो गए। जब सभी के अहंकार आपस में टकराने लगे तो घर का वातावरण नर्क की तरह हो गया। …

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विरोधी को मित्र बनाने का अचूक उपाय

the-perfect-way-to-make-the-opponent-friend

एक राजा था। उसने एक सपना देखा। सपने में उससे एक परोपकारी साधु कह रहा था कि, बेटा! कल रात को तुम्हें एक विषैला सांप काटेगा और उसके काटने से तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी। वह सर्प अमुक पेड़ की जड़ में रहता है। वह तुसम पूर्व जन्म की शत्रुता का बदला लेना चाहता है। सुबह हुई। राजा सोकर उठा। और …

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बड़े काम की हैं ये चार बातें

There was a monk

एक साधु थे। उनसे शिक्षा लेने के लिए बहुत से स्त्री पुरुष आते थे। साधु उन्हें बड़ी ही उपयोगी बातें बताया करते थे। एक दिन उन्होंने कहा, ‘तुम लोग चार बातें याद रखो तो जीवन का आनंद ले सकते हो।’ लोगों ने पूछा, ‘स्वामी जी, वे चार बातें क्या हैं ?’ स्वामीजी बोले, पहली बातः तुम जहां भी रहो, अपने को आवश्यक …

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