दोहा : किस काम के यह हीरे मोती, जिस मे ना दिखे मेरे राम | राम नहीं तो मेरे लिए है व्यर्थ स्वर्ग का धाम || मन की आखों से मै देखूँ रूप सदा सियाराम का | कभी ना सूना ना रहता आसन मेरे मन के धाम का || राम चरण की धुल मिले तो तर जाये संसारी | दो …
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अभी तो जगाया तुझे फिर सो गया
उठ परदेसी तेरा वक़्त हो गया अगर भजन आतुर करो नदी रुखना जब तब होवे विनाश अभी तो जगाया तुझे फिर सो गया उठ परदेसी तेरा वक़्त हो गया हम परदेसीयो की यही है निशानी आए और चले गये ख़तम कहानी कोई चला हंसते हंसते कोई रो गया उठ परदेसी तेरा वक़्त हो गया क्या खबर दिल की लगी भी …
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