सगुण ब्रह्म ईश्वर हैं, वे सर्वशक्तिमान हैं, आत्मा में जो एक अप्रतिहत शक्ति सहज ही रहती है, वह ईश्वर की कला है । वहीं अप्रतिहत शक्ति जब एक से अधिक होती है तब उसे अंश कहते हैं । जिनमें संपूर्ण अप्रतिहत शक्ति होती हैं, उन्हें पूर्ण कहते हैं । जीव में साधारणत: कोई भी शक्ति अप्रतिहत नहीं है । योगबल …
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वेदमालि को भगवत्प्राप्ति
प्राचीन काल की बात है । रैवत मन्वंतर में वेदमालि नाम से प्रसिद्ध एक ब्राह्मण रहते थे, जो वेदांगों के पारदर्शी विद्वान थे । उनके मन में संपूर्ण प्राणियों के प्रति दया भरी हुई थी । वे सदा भगवान की पूजा में लगे रहते थे, किंतु आगे चलकर वे स्त्री, पुत्र और मित्रों के लिए धनोपार्जन करने में संलग्न …
Read More »राजा रंतिदेव
भारतवर्ष नररत्नों का भंडार है । किसी भी विषय में लीजिए, इस देश के इतिहास में उच्च – से – उच्च उदाहरण मिल सकते हैं । संकृति नामक राजा के दो पुत्र थे, एक का नाम था गुरु और दूसरे का रंति देव । रंतिदेव बड़े ही प्रतापी राजा हुए । इनकी न्यायशीलता, दयालुता, धर्मपरायणता और त्याग की ख्याति तीनों …
Read More »वेदमालिको भगवत्प्राप्ति
प्राचीन काल की बात है । रैवत – मंवतर में वेदमालि नाम से प्रसिद्ध एक ब्राह्मण रहते थे, जो वेदों और वेदांगों के पारदर्शी विद्वान थे । उनके मन में संपूर्ण प्राणियों के प्रति दया भरी हुई थी । वे सदा भगवान की पूजा में लगे रहते थे, किंतु आगे चलकर वे स्त्री, पुत्र और मित्रों के लिए धनोपार्जन करने …
Read More »आल्हा ऊदल की कथा
ऋषियों ने पूछा – सूतजी महाराज ! आपने महाराज विक्रमादित्य के इतिहास का वर्णन किया । द्वापरयुग के समान उनका शासन धर्म एवं न्यायपूर्ण था और लंबे समय तक इस पृथ्वीपर रहा । महाभाग ! उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने अनेक लीलाएं की थीं । आप उन लीलाओं का हमलोगों से वर्णन कीजिए, क्योंकि आप सर्वज्ञ हैं । ‘भगवान नर …
Read More »नारद जी को विष्णु माया का दर्शन
राजा युधिष्ठिर ने पूछा – भगवन् ! यह विष्णु भगवान की माया किस प्रकार की है ? जो इस चराचर जगत को व्यामोहित करती है । भगवान श्रीकृष्ण ने कहा – महाराज ! किसी समय नारद मुनि श्वेतद्वीप में नारायण का दर्शन करने के लिये गये । वहां श्रीनारायण का दर्शन कर और उन्हें प्रसन्न मुद्रा में देखकर उनसे जिज्ञासा …
Read More »अक्षय तृतीया का महात्म्य
वैशाख शुक्ल तृतीया को अक्षय तृतीया कहते हैं। यह सनातन धर्मियों का प्रधान त्यौहार है। इस दिन दिए हुए दान और किए हुए स्नान, होम, जप आदि सभी कर्मों का फल अनंत होता है – सभी अक्षय हो जाते हैं; इसी से इसका नाम अक्षया हुआ है। इसी तिथि को नर-नारायण, परशुराम और हयग्रीव-अवतार हुए थे; इसलिए इस दिन उनकी …
Read More »bhaaj maan bhaaje maan saadha hari ke naam
उसकी दया से बंजएँगे, तेरे बिगड़े काम जो कोई जोगिया, रंग लगाए.. सकल पड़ा..रात पे हरी नाम गुआन, सॅचा प्यारे धर्म भरा सू पे.. नारायण, नारायण जप्ते ..2 कारगया सारा काम [To English wish4me] Uski daya se banjayenge, tere bigade kaam Jo koyi jogiya, rang lagaye.. Sakal pada..rath payee Hari naam guan, sacha pyare Dharm bhara soo payee.. Narayan, Narayan …
Read More »अब तो श्रीमुख से गोविंदा नाम बोल रे
अब तो श्री मुख सेगोविन्द का नाम बोल रे (alt गोविन्दा नाम बोल रे)गोविन्द का नाम बोल रेगोपाला नाम बोले रे एक बजे लो हरि का नामदो बजे द्वारिकानाथतीन बजे त्रिलोकी नाथआते जाते बोलिए (alt जपत रहो रे, रटत रहो रे) अब तो श्री मुख सेगोविन्द का नाम बोल रे चार बजे चतुर्भुज नामपांच बजे परमेश्वर नामछः बजे छबीले श्यामआते …
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