झांसी की रानी लक्ष्मीबाई बेबाक अपनी बात रखती थीं। एक बार वह एक कथावाचक के यहां पहुंची। उस समय वहां कथा चल रही थी। वह बाल विधवा होने के बावजूद कांच की चूड़ियों की बजाए सोने की चूड़ियां पहने हुईं थीं। उनके हाथों में चूड़ियों को देख, पंडित जी व्यंगात्मक लहजे में कहा, घोर कलयुग है। धर्म-कर्म की सारी मर्यादाएं …
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चाणक्य नीति : प्रथम अध्याय (Chanakya Niti: The First Chapter)
१. तीनो लोको के स्वामी सर्वशक्तिमान भगवान विष्णु को नमन करते हुए मै एक राज्य के लिए नीति शास्त्र के सिद्धांतों को कहता हूँ. मै यह सूत्र अनेक शास्त्रों का आधार ले कर कह रहा हूँ। 2. जो व्यक्ति शास्त्रों के सूत्रों का अभ्यास करके ज्ञान ग्रहण करेगा उसे अत्यंत वैभवशाली कर्तव्य के सिद्धांत ज्ञात होगे। उसे इस बात का …
Read More »वन्दे सन्तं हनुमन्तं
वन्दे सन्तं हनुमन्तं। राम भक्तं बलवन्तं॥ ज्ञान पण्डित, अन्जनतन्यं। पावना पुत्र, भकरतेजं॥ वायुदेवं वानरवीरं। सचिदनदं प्रानदेवं॥ रामभक्तं बलवन्तं। वन्दे सन्तं हनुमन्तं॥ वायुदेवं वानरवीरं। त्रिनिदादें प्रानदेवं, सचिदनदं प्रानदेवं॥ जै पवनसुत्त रामदूत की जै॥ wish4me to English vande santan hanumantan. raam bhaktan balavantan. gyaan pandit, anjanatanyan. paavana putr, bhakaratejan. vaayudevan vaanaraveeran. sachidanadan praanadevan. raamabhaktan balavantan. vande santan hanumantan. vaayudevan vaanaraveeran. trinidaaden praanadevan, …
Read More »सौरधर्म का वर्णन
राजा शतानीक ने पूछा – मुने ! भगवान सूर्य का माहात्म्य कीर्तिवर्धक और सभी पापों का नाशक है । मैंने भगवान सूर्यनारायण के समान लोक में किसी अन्य देवता को नहीं देखा । जो बरण – पोषम और संहार भी करनेवाले हैं वे भगवान सूर्य किस प्रकार प्रसन्न होते हैं, उस धर्म को आप अच्छी तरह जानते हैं । मैंने …
Read More »सुमरन कर ले मेरे मना
सुमरन कर ले मेरे मना, तेरि बीति उमर हरि नाम बिना ।कूप नीर बिनु धेनु छीर बिनु, मंदिर दीप बिना, जैसे तरूवर फल बिन हीना, तैसे प्राणी हरि नाम बिना देह नैन बिन, रैन चंद्र बिन, धरती मेह बिना । जैसे पंडित वेद विहीना, तैसे प्राणी हरि नाम बिना काम क्रोध मद लोभ निहारो, छोड़ दे अब संतजना, कहे नानकशा …
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