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Tag Archives: patnee

चाणक्य नीति: सातवां ध्याय (chanakya niti:seventh chapter)

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एक बुद्धिमान व्यक्ति को निम्नलिखित बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए .. १. की उसकी दौलत खो चुकी है. २. उसे क्रोध आ गया है. ३. उसकी पत्नी ने जो गलत व्यवहार किया. ४. लोगो ने उसे जो गालिया दी. ५. वह किस प्रकार बेइज्जत हुआ है. जो व्यक्ति आर्थिक व्यवहार करने में, ज्ञान अर्जन करने में, खाने में और …

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चाणक्य नीति: पांचवा अध्याय (Chanakya Niti: fifth lesson)

Chanakya Niti: The First Chapter

ब्राह्मणों को अग्नि की पूजा करनी चाहिए . दुसरे लोगों को ब्राह्मण की पूजा करनी चाहिए . पत्नी को  पति की पूजा करनी चाहिए तथा  दोपहर के भोजन के लिए जो अतिथि आये उसकी सभी को पूजा करनी चाहिए . सोने की परख उसे घिस कर, काट कर, गरम कर के और पीट कर की जाती है. उसी तरह व्यक्ति …

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चाणक्य नीति : प्रथम अध्याय (Chanakya Niti: The First Chapter)

Chanakya Niti: The First Chapter

१. तीनो लोको के स्वामी सर्वशक्तिमान भगवान विष्णु को नमन करते हुए मै एक राज्य के लिए नीति शास्त्र के सिद्धांतों को कहता हूँ. मै यह सूत्र अनेक शास्त्रों का आधार ले कर कह रहा हूँ। 2. जो व्यक्ति शास्त्रों के सूत्रों का अभ्यास करके ज्ञान ग्रहण करेगा उसे अत्यंत वैभवशाली कर्तव्य के सिद्धांत ज्ञात होगे। उसे इस बात का …

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पत्नी का भूत (Wife’s ghost)

Wife's ghost

एक आदमी की पत्नी अचानक से बहुत बीमार पड़ गयी . मरने से पहले उसने अपने पति से कहा , “ मैं तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ …. तुम्हे छोड़ कर नहीं जाना चाहती… मैं नहीं चाहती की मेरे जाने के बाद तुम मुझे भुला दो और किसी दूसरी औरत से शादी करो … वादा करो कि मेरे मरने के …

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चिलकुर बालाजी मंदिर, हैदराबाद

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श्री वेंकटेश्वर स्वामी को समर्पित यह मंदिर मेहंदीपटनम से 23 कि.मी. दूर है. इसे वीसा-बालाजी भी कहते हैं, क्योंकि लोगों की यह मान्यता है, कि अमरीकी वीज़ा का इंटरव्यू इनकी कृपा से सकारात्मक परिणाम देता है. हैदराबाद का चिलकुर बाली मंदिर विसा बालाजी मंदिर और विसा भगवान के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रचीन हिंदू मंदिर है …

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कर्तव्यपरायणता का अद्भुत आदर्श

Kartavya Parayanta ka adbhut adarsh

प्राचीन काल में सर्वसमृद्धिपूर्ण वर्धमान नगर में रूपसेन नाम का एक धर्मात्मा राजा था। एक दिन उसके दरबार में वीरवर नाम का एक गुणी व्यक्ति अपनी पत्नी, कन्या एवं पुत्र के साथ वृत्ति के लिए उपस्थित हुआ। राजा ने उसकी विनयपूर्ण बातों को सुनकर प्रतिदिन एक सहस्त्र स्वर्णमुद्रा का वेतन नियत कर सिंहद्वार के रक्षक के रूप में उसकी नियुक्ति …

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संवाद संभव न होने पर मौन रहना उचित

Shistha Sabse Bari Sifarish

एक बहरा चरवाहा पहाड़ों पर भेड़ें चरा रहा था। दोपहर हो गई थी लेकिन उसकी पत्नी अभी तक भोजन लेकर नहीं आई थी। जब भूख असहनीय हो गई तो वह अपने स्थान से थोड़ा नीचे उतरा कि तभी उसे एक लकड़हारा पेड़ पर बैठा दिखाई दिया। चरवाहे ने नीचे से ही कहा- जरा मेरी भेड़ों का ख्याल रखना भाई, मै …

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