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Tag Archives: philosophy

“आपसी तालमेल…..

सुधा जी अपने कमरे में बड़बड़ाती हुए घुसी….सब अपने मन की करते रहते है….मेरी तो कोई सुनता ही नहीं है….पत्नी का चेहरा गुस्से से तमतमाए देखते हुए मोहनबाबू ने पूछा….क्या हो गया सुधा….किस पर बड़बड़ा रही हो…हूं….. पूछ तो ऐसे रहे हो जैसे कुछ जानते ही नहीं…..वही तुम्हारी लाडली बहू…..आज उसका मन हो गया कि एयर कंडीशन खरीदना है तो …

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कुंती का त्याग

पाण्डव अपनी मां कुंती के साथ इधर से उधर भ्रमण कर रहे थे| वे ब्राह्मणों का वेश धारण किए हुए थे| भिक्षा मांगकर खाते थे और रात में वृक्ष के नीचे सो जाया करते थे| भाग्य और समय की यह कैसी अद्भुत लीला है| जो पांडव हस्तिनापुर राज्य के भागीदार हैं और जो सारे जगत को अपनी मुट्ठी में करने …

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अद्भुत बाल लीला…

एक बार जब मेरे प्रभु लीला कर रहे तो ब्रम्हा , इंद्र , शिव , ये सब देवता ठाकुर जी के निकट आए और इन्होंने क्या देखा की ठाकुर जी अपने पीछे कुछ छुपा रहे है तब देवता बोले की प्यारे आप क्या छुपा रहे हो ? तो भगवान चुपचाप खड़े है , हाथ में एक पात्र रखा है और …

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आध्यात्मिक हिंदी कहानी

आध्यात्मिक हिंदी कहानी

प्रातः काल का समय था। गुरुकुल में हर दिन की भांति गुरूजी अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहे थे। आज का विषय था- “आत्मा” आत्मा के बारे में बताते हुए गुरु जी ने गीता का यह श्लोक बोला – अर्थात: आत्मा को न शस्त्र छेद सकते हैं, न अग्नि जला सकती है, न जल उसे गला सकता है और न …

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मन में यदि सुराख है तो उसमें प्रेम कैसे भरेगा

  गौतम बुद्ध यात्रा पर थे। रास्ते में उनसे लोग मिलते। कुछ उनके दर्शन करके संतुष्ट हो जाते तो कुछ अपनी समस्याएं रखते थे। बुद्ध सबकी परेशानियों का समाधान करते थे। एक दिन एक व्यक्ति ने बुद्ध से कहा- मैं एक विचित्र तरह के द्वंद्व से गुजर रहा हूं। मैं लोगों को प्यार तो करता हूं पर मुझे बदले में …

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सिर्फ ऐसी ही मिल सकेगी जल्द सफलता

  एक पुजारी कई दिनों से यज्ञ कर रहे था, लेकिन उन्हें अग्निदेव के दर्शन नहीं दे रहे थे। तभी उस गांव में राजा विक्रमादित्य पहुंचे। पुजारी का उतरा चेहरा देखकर उन्होंने उसका हाल-चाल पूछा। राजा उसकी परेशानी समझ चुके थे। फिर राजा ने समझाया, ‘यज्ञ ऐसे नहीं करते हैं।’ राजा ने अपना मुकुट उतार कर जमीन पर रखा और …

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ज़िन्दगी के पत्थर, कंकड़ और रेत

Life stones, pebbles and sand

Philosophy के एक professor ने कुछ चीजों के साथ class में प्रवेश किया. जब class शुरू हुई तो उन्होंने एक बड़ा सा खाली शीशे का जार लिया और उसमे पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े भरने लगे. फिर उन्होंने students से पूछा कि क्या जार भर गया है ? और सभी ने कहा “हाँ”. तब प्रोफ़ेसर ने छोटे-छोटे कंकडों से भरा एक …

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The Identity of a Kunaalini Yoga Teacher

SITALI KRIYA

A Teacher is the one whom the pair of opposites does not affect. To the ugliest and to the most bountiful, he or she only gives blessings. – YOGI BHAJAN This chapter includes … Two Laws for the Kundalini Teacher A Teacher’s Identity The Chambers of the Teacher’s Heart 264 264 264 Serving the Consciousness of the Student 265 The …

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Basic Concepts in the Philosophy of Yoga

हयांगे-मादलाय्या-कृष्णा

This chapter includes … Introduction to Yogic Philosophy Common Attitudes in Eastern Philosophies The Chain of Being & the Ladder of Subtlely Cosmic Law of Manifestation & Being (diagram) G.O.D. Maya, the Tattvas & the Gunas Yogi Bhajan on the Tattvas The Three Gunas You, the Tattvas & the Gunas (A lecture by Yogi Bhajan) The First Five Teachers Ether, …

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कर्म का चरित्र पर प्रभाव

Bhuvankosh Ka Sanshipt varnan

कर्म शब्द ‘कृ’ धातु से निकला है, ‘कृ’ धातु का अर्थ है करना । जो कुछ किया जाता है, वहीं कर्म है । इस शब्द पारिभाषिक अर्थ ‘कर्मफल’ भी होता है । दार्शनिक दृष्टि से यदि देखा जाएं, तो इसका अर्थ कभी कभी वे फल होते हैं, जिनका कारण हमारे पूर्व कर्म रहते हैं । परंतु कर्मयोग में ‘कर्म’ शब्द …

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