भक्तों की तीन श्रेणियां होती हैं । एक तो वे होते हैं जो किसी फल की कामना से भगवान को भजते हैं । भगवान कहते हैं – उनकी भक्ति वास्तविक भक्ति नहीं, वह तो एक प्रकार की स्वार्थपरायणता है । दूसरी श्रेणी के भक्त वे हैं जो बिना किसी फल की इच्छा के अपना सर्वस्व उन्हें समर्पित कर सदा उनकी …
Read More »Tag Archives: premi
ऐसी लगी लगान, मीयर्रा हो गई मगन
ऐसी लगी लगान, मीयर्रा हो गई मगन वो तो गली गली गुण गाने लगी महलों में पाली बन के जोगन चली मीयर्रा रानी दीवानी कहने लगी ||1|| कोई रोके नहीं, कोई टोक नहीं मीयर्रा गोविंद गोपाल गाने लगी बैठी संतों के संग, रंगी मोहन के रंग मीयर्रा प्रेमी प्रीतम को मानने चली ||2|| मीयर्रा गोविंद गोपाल गाने लगी ||3|| वो …
Read More »