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Tag Archives: samudr

आरती कीजे हनुमान लला की

Chilkur Balaji Mandir

आरती कीजे हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की || जाके बल से गिरिवर कांपे | रोग दोष जाके निकट ना जांके || अनजनी पुत्र महा बलदाई | संतन के प्रभु सदा सही || दे बीरा रघुनाथ पठाए | लंका जारि सिया सुधि काये || लंका सो कोटि समुद्र की खायी | जात पवन सुत बार ना लायी …

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कुवलाश्व के द्वारा जगत की रक्षा

पूर्वकाल में धुंधु नाम का एक राक्षस हुआ था । वह ब्रह्मा से वरदान पाकर देवताओं, दानवों, दैत्यों, नागों, गंधर्वों और राक्षसों के द्वारा अवध्य हो गया था तथा उसने तीनों लोकों को जीतकर अपने अधीन कर लिया था । वह अहंकार का पुतला था, अत: सदा अमर्ष में भरा रहता और सदा सबको सताया करता था । अंत में …

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भुवनकोश का संक्षिप्त वर्णन

Bhuvankosh Ka Sanshipt varnan

महाराज युधिष्ठिर ने पूछा – भगवन् ! यह जगत किसमें प्रतिष्ठित है ? कहां से उत्पन्न होता है ? इसका किसमें लय होता है ? इस विश्व का हेतु क्या है ? पृथ्वी पर कितने द्वीप, समुद्र तथा कुलाचल हैं ? पृथ्वी का कितना प्रमाण है ? कितने भुवन हैं ? इन सबका आप वर्णन करें । भगवान श्रीकृष्ण ने …

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स्तंभेशवर महादेव, गुजरात 

Satambheshver Mahadev Mandir

गुजरात के बढ़ोदरा में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर है जो देखते ही देखते गायब हो जाता है और फिर अचानक ही दोबारा दिखने लगता है। इस मंदिर की इसी खूबी के कारण यह दुनियाभर में प्रसिद्ध और भोले के भक्त इस घटना को अपनी आंखों से देखने के लिए दौड़े चले आते हैं। आइए, जानते हैं इस मंदिर …

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‎गिलहरी‬ का ‪‎रामसेतु‬ बनाने में योगदान

Gilheri Ka Ramsetu Banane Story

माता सीता को वापस लाने के लिए रामसेतु बनाने का कार्य चल रहा था। भगवान राम को काफी देर तक एक ही दिशा में निहारते हुए देख लक्ष्मण जी ने पूछा भैया आप इतनी देर से क्या देख रहें हैं? भगवान राम ने इशारा करते हुए दिखाया कि वो देखो लक्ष्मण एक गिलहरी बार-बार समुद्र के किनारे जाती है और …

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दुर्वाषा ऋषि के श्राप से शुरू हुई ‪समुद्र मंथन‬ की कहानी का अगला भाग

kachpatvar

समुद्र मंथन का आरम्भ होना जब देवताओं तथा असुरों ने समुद्र मं थन आरंभ किया, तब भगवान विष्णु ने कच्छप बनकर मंथन में भाग लिया। वे समुद्र के बीचों-बीच स्थिर रहे और उनके ऊपर रखा गया मदरांचल पर्वत। फिर वासुकी नाग को रस्सी बनाकर एक ओर से देवता और दूसरी ओर से दैत्यों ने समुद्र का मंथन करना शुरू कर …

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समुद्र मंथन से प्राप्त दूसरा रत्न – ‪‎कामधेनु‬

भगवान शंकर के विष ग्रहण करने के बाद देवताओं और दैत्यो ने मंथन आरम्भ किया। समुद्र के चारों ओर बड़े जोर की आवाज उत्पन्न हुई। देव और असुरों ने जब सिर उठाकर देखा तो पता चला कि यह साक्षात सुरभिकामधेनु गाय थी। इस गाय को काले, श्वेत, पीले, हरे तथा लाल रंग की सैकड़ों गौएं घेरे हुई थीं। उस समय …

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कच्छपावतार

kachpatvar

पुराने समय की बात है। देवताओं और राक्षसों में आपसी मतभेद के कारण शत्रुता बढ़ गयी। आये दिन दोनों पक्षों में युद्ध होता रहता था । एक दिन राक्षसो के आक्रमण से सभी देवता भयभीत हो गए और ब्रह्मा जी के पास गए। ब्रह्मा जी के परामर्श के बाद वे जगद्गुरु की शरण में जाकर प्रार्थना करने लगे। देवताओं की …

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जीवन का आनंद लेने के लिये कल का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं

To enjoy life do not wait for tomorrow

एक बार एक मछुआरा समुद्र किनारे आराम से छांव में बैठकर शांति से बीडी पी रहा था। अचानक एक बिजनैसमैन वहाँ से गुजरा और उसने मछुआरे से पूछा “तुम काम करने के बजाय आराम क्यों फरमा रहे हो?” इस पर गरीब मछुआरे ने कहा “मै आज के लिये पर्याप्त मछलियाँ पकड चुका हूँ ।” यह सुनकर बिज़नेसमैन गुस्से में आकर …

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दिन चाहे सुख के हों या दुख के, भगवान अपने भक्तों के साथ हमेशा रहते हैं (Whether day of happiness or misery, God will always remain with his devotees)

mujhe aisa bana do mere prabhu

एक अमीर आदमी था। उसने समुद्र मेँ अकेले घूमने के लिए एक नाव 🚣 बनवाई। छुट्टी के दिन वह नाव लेकर समुद्र की सेर करने निकला। आधे समुद्र तक पहुंचा ही था कि अचानक एक जोरदार तुफान आया। उसकी नाव पुरी तरह से तहस-नहस हो गई लेकिन वह लाईफ जैकेट 🎽की मदद से समुद्र मेँ कूद 🏂 गया। जब तूफान …

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