स्वातंत्र्य गर्व उनका, जो नर फाकों में प्राण गंवाते हैं , पर, नहीं बेच मन का प्रकाश रोटी का मोल चुकाते हैं । स्वातंत्र्य गर्व उनका, जिनपर संकट की घात न चलती है , तूफानों में जिनकी मशाल कुछ और तेज़ हो जलती है । स्वातंत्र्य उमंगो की तरंग, नर में गौरव की ज्वाला है , स्वातंत्र्य रूह की ग्रीवा …
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राजकुमारी सुकन्या का बलिदान
प्राचीनकाल की बात है। उस समय भारत में राजा शर्याति का शासन था। वे अत्यंत न्यायप्रिय, प्रजासेवक एवं कुशल प्रशासक थे। सद्गुणों का व्यापक प्रभाव राजा के पुत्र-पुत्रियों पर भी पड़ा। एक दिन राजा शर्याति अपने पुत्र-पुत्रियों के साथ वन विहार के लिए निकले। राजा- रानी तो एक सरोवर के समीप विश्राम के लिए बैठ गए लेकिन उनके पुत्र-पुत्रियां परस्पर …
Read More »चाणक्य की सीख
बात 325 ई. पू. की है, जब भारत में मौर्य वंश का शासन था। सम्राट चंद्रगुप्त एक कुशल योद्धा, सेनानायक तथा महान विजेता ही नहीं थे, बल्कि एक योग्य शासक भी थे और उनकी सुदृढ़ शासन व्यवस्था का प्रमुख आधार चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री चाणक्य थे। शासन व्यवस्था पर उनका पूरा अंकुश था। कहा जाता है एक दिन एक विदेशी …
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