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Tag Archives: sharan

सूरज की गर्मी से जलते हुए

sooraj kee garmee se jalate hue

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया, ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया, मेरे राम | भटका हुआ मेरा मन था, कोई मिल ना रहा था सहारा | लहरों से लगी हुई नाव को जैसे मिल ना रहा हो किनारा | इस लडखडाती हुई नव को …

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हम राम जी के राम जी हमारे हैं

Hum Raam Ji ke Raam Ji Hamare Hai Story

  हम राम जी के, राम जी हमारे हैं वो तो दशरथ राज दुलारे हैं मेरे नयनो के तारे हैं सारे जग के रखवारे हैं मेरे तो प्राण अधारे हैं सब भगतन के रखवारे हैं जो लाखो पापीओं को तारे हैं जो अघमन को उधारे हैं हम इनके सदा सहारे हैं हम उनकी शरण पधारे हैं गणिका और गीध उधारे …

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तुमसे लागी लगन ले लो अपनी शरण

tumase laagee lagan le lo apanee sharan

तुम से लागी लगन, ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा, मेटो मेटो जी संकट हमारा । निशदिन तुमको जपूँ, पर से नेह तजूँ, जीवन सारा, तेरे चाणों में बीत हमारा ॥टेक॥ अश्वसेन के राजदुलारे, वामा देवी के सुत प्राण प्यारे। सबसे नेह तोड़ा, जग से मुँह को मोड़ा, संयम धारा ॥मेटो॥ इंद्र और धरणेन्द्र भी आए, देवी पद्मावती मंगल गाए। …

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आजा साईं शरण में तू आजा

saeen naam kee loot hai praanee loot sake to loot

आजा साईं शरण में तू आजा, दुःख सारे कट जाएंगे। साईं को मन में बसा ले तू, मन में ज्योत जगाले तू॥ साईं यह मेरा घट घट की है जानता, साईं की लीला को सारा जग मानता। आजा साईं शरण में तू आजा, दुःख सारे कट जाएंगे॥ इक बार डोरी साईं हाथों में तू सौम्प दे, छोड़ दे भरम झूठे …

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साईं शरण में आओगे तो समझोगे यह बात

Guru Purnima oshad main story

साईं शरण में आओगे तो समझोगे यह बात, रात के पीछे दिन आवे है, दिन के पीछे रात । कौन खिलाये फूल चमन में, क्यों मुरझाए फूल की पाती, क्यों चमके है बन में दीपक, कौन बुझाए जलती बाती । साईं शरण में आओगे… कौन बिछाए सुख का बिस्तर कौन ओढ़ाए दुःख की चादर, क्यों होवे पत्थर की पूजा, कौन …

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मंगल मुरति राम दुलारे आन पड़ा अब तेरे द्वारे

jinake man mein base shree raam jee unakee raksha karen hanumaan jee

मंगल मुरति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे | हे बजरंगबली हनुमान , हे महावीर करो कल्याण || तीनो लोक तेरा उज्यारा, दुखिओं का तूने काज सावरा | हे जगवंदन, केसरी नंदन , कष्ट हरो हे कृपा निधन || तेरे द्वारे जो भी आया, खली नहीं कोई लोटाया | दुर्गम काज बनावन हारे, मंगलमय दीजो वरदान || तेरा सुमिरन …

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मुझको राधा रमन करदो ऐसा मगन

dasha mujh deen kee bhagavan sambhaaloge to kya hoga

मुझको राधा रमन, करदो ऐसा मगन, रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम । करुणानिधान मोपे कृपा कर रिझिए, बृज में बसाके मोहे सेवा सुख दीजिए । प्रेम से भरदो मन, गाउँ तेरे भजन, रटूं तेरा नाम, मैं आठों याम ॥ भाव भरे भूषणो से आपको सजाऊँ मैं, नितनव् भोज निज हाथों से पवाऊं मैं । करो जब तुम शयन, दाबू …

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दो मित्र भक्त (Two friends devotee)

Two friends devotee

कुरुक्षेत्र में दो मित्र थे – एक ब्राह्मण और दूसरा क्षत्रिय । ब्राह्मण का नाम पुण्डरीक और क्षत्रिय का अंबरीष । दोनों में गाढ़ी मित्रता थी । खाना पीना, टहलना सोना एक ही साथ होता था । जवान उम्र में पैसे पास हो और कोई देख – रेख करने वाला न हो तो मनुष्य को बिगड़ते देर नहीं लगती । …

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चक्रिक भील

अर्थात् ‘ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र और जो अन्य अन्त्यज लोग हैं, वे भी हरिभक्तिद्वारा भगवान की शरण होने से कृतार्थ हो जाते हैं, इसमें संशय नहीं है । यदि ब्राह्मण भी भगवान के विमुख हो तो उसे चाण्डाल से अधिक समझना चाहिए और यदि चाण्डाल भी भगवान का भक्त हो तो उसे भी ब्राह्मण से अधिक समझना चाहिये ।’ द्वापरयु …

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जानम जानम से तुम हो स्वामी

bhagavaan meree naiya us paar laga dena

मैं हूँ चरण की दासी आई शरण में हे गुरु ज्ञानी गुरु दर्शन की प्यासी…. सावन तुम हो बूँद मैं टुंरी.. सागर तुम हो ल़हेर मैं टुंरी जानम जानम… जीवन तुम हो प्राण मैं जिसकी… भजन जो तुम हो लाई हू मैं उसकी जानम जानम… रवि तो तुम हो किरण मई टुंरी…. शंकर तुम हो गाना हूँ मैं टुंरी जानम …

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