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Tag Archives: shatru

श्री लक्ष्मी चालीसा

Bhawani Mere Ghar Aavo Story

॥ दोहा॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस॥ ॥ सोरठा॥ यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं। सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥ ॥ चौपाई ॥ सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही ॥ तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥ जय जय जगत जननि …

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चाणक्य नीति: तीसरा अध्याय (Chanakya Niti: Third Chapter)

Chanakya Niti

 1. इस दुनिया  मे ऐसा किसका घर है जिस पर कोई कलंक नहीं, वह कौन है जो रोग और दुख से मुक्त है.सदा सुख किसको रहता है? २. मनुष्य के कुल की ख्याति उसके आचरण से होती है, मनुष्य के बोल चल से उसके देश की ख्याति बढ़ती है, मान सम्मान उसके प्रेम को बढ़ता है, एवं उसके शारीर का गठन उसे भोजन …

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नवरात्र व्रत की कथा

Navratri Puja

प्राचीन काल में एक सुरथ नाम का राजा हुआ करता था । उसके राज्य पर एक बार शत्रुओं ने चढ़ाई कर दी । मंत्री गण भी राजा के साथ विश्वासघात करके शत्रु पक्ष के साथ जा मिले । मंत्जिसका परिणाम यह हुआ कि राजा परास्त हो गया, और वे दु:खी और निराश होकर तपस्वी वेष धारण करके वन में ही …

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भाव ऊंचा रहे हमारा

हम को अपना सुधार करना चाहिये। हमारे द्वारा अब ऐसा कोई काम नहीं होना चाहिये, जो हमें खतरे में डालने वाला हो। भाव ऊंचा बनायें। भाव अपना है, अपने अधिकार की बात है। फिर कमी क्यों रहने दें। अनिच्छा- परेच्छा से जो कुछ आकर प्राप्त होता है वह हमारा प्रारब्ध है। कोई भी काम करें उस में ऊंचे-से-ऊंचा भाव रखें। …

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