सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया, ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया, मेरे राम | भटका हुआ मेरा मन था, कोई मिल ना रहा था सहारा | लहरों से लगी हुई नाव को जैसे मिल ना रहा हो किनारा | इस लडखडाती हुई नव को …
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बजरंगबली तेरा हम दर्श अगर पाएं
बजरंगबली तेरा हम दर्श अगर पाएं । हे राम भक्त तेरे चरणों में लिपट जाए ॥ अनजनी के लाल जग में तेरी महिमा में भारी है । हे पवन पुत्र तुम तो शंकर अवतारी है । बिन देखे तेरी सूरत अब चैन नहीं आए ॥ सूरज ने निगल कर के, बजरंगी कहलाए । लंका को जला कर के सीता की …
Read More »जय हो जय तो तुम्हारी जी बजरंगबली
जय हो जय तो तुम्हारी जी बजरंगबली, ले के शिव रूप आना गज़ब हो गया । त्रेता युग में थे तुम आये, द्वार में भी, तेरा कलयुग में आना गज़ब हो गया ॥ बचपन की कहानी निराली बड़ी, जब लगी भूख बजरंग मचलने लगे । फल समझ कर उड़े आप आकाश में, तेरा सूरज को खाना गज़ब हो गया ॥ …
Read More »सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे
थारे झांझ नगाड़ा बाजे रे, सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे। हनुमान विराजे रे बठे बजरंग विराजे रे॥ भारत राजस्थान में जी सालासर एक ग्राम, सूरज शामी बनो देवरों महमा अप्रम पार। थारे लाल ध्वजा फेहरावे रे, सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे॥ नारेला की गिनती कोनी बाबा सुवरण छत्र हजार, दूर देश से दर्शन करने आवे नर …
Read More »सूर्योदय क्या है?
सांझ हो रही थी। कहीं पर अंधेरा तो कहीं पर धीरे-घीरे मंद पड़ता प्रकाश दिखाई पड़ रहा था। इसी अंधेरे में एक बरगद का पेड़ भी खड़ा था। तभी पेड़ की कोटर से एक चमकादड़ निकलकर शाखा पर आ बैठा। कुछ देर में एक मैना भी वहीं आकर बैठी और उससे बोली- “भाई चमगादड़! तुमने सुबह का सूरज देखा था? …
Read More »कब आए कब जाए
दुख है ढलते सूरज जैसा शाम ढले ढाल जाए दुख सुख दोनो कुच्छ पल के कब आए कब जाए दुख है ढलते सूरज जैसा शाम ढले ढाल जाए ओ शाम ढले ढाल जाए दुख तो हर प्राणी को होवय राम ने भी दुख झेला धैर्या प्रेम से वन मे रहे प्रभु चौदह बर्ष की बेला दुख तो हर प्राणी को …
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