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Tag Archives: Tathagat

जब भिक्षु ने पूछा, ईश्वर हैं या नहीं? तथागत ने बताया कि

जब भिक्षु ने पूछा, ईश्वर हैं या नहीं? तथागत ने बताया कि

एक बार भगवान बुद्ध से किसी भिक्षु ने पूछा, ‘तथागत! ईश्वर है या नहीं है? बुद्ध ने सीधा उत्तर न देकर प्रश्नकर्ता भिक्षु से कहा, मनुष्य की समस्या ईश्वर के होने या न होने की नहीं है। मनुष्य की मुख्य समस्या है उसके जीवन में आने वाले दुखों की।’ तथागत ने अपने कथन को स्पष्ट करते हुए तब कहा, ‘तुम …

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जैसी भावना वैसी मनोकामना

एक बार भगवान बुद्ध एक शहर में प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने प्रवचन के बाद आखिर में कहा, ‘जागो! समय हाथ से निकला जा रहा है।’ इस तरह उस दिन की प्रवचन सभा समाप्त हो गई। सभा के बाद तथागत ने अपने शिष्य आनंद से कहा, थोड़ी दूर घूम कर आते हैं। आनंद, भगवान बुद्ध के साथ चल दिए। अभी …

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धैर्य रखने से मिलता है ज्ञान

एक बार महात्मा बुद्ध एक सभा में बिना कुछ बोले ही वहा से चले गए। उस सभा में सैकड़ों लोग आए थे। दूसरे दिन उससे कम आए। इस तरह यह संख्या एक दिन बहुत कम हो गई। प्रवचन के अंतिम दिन केवल 50 लोग ही पहुंचे। महात्मा बुद्ध आए, उन्होंने इधर- उधर देखा और बिना कुछ कहे वापिस चले गए। …

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संतोषी व्यक्ति सदा सुखदायी

भगवान बुद्ध पाटलिपुत्र में प्रवचन कर रहे थे। लोग मंत्रमुग्ध थे। प्रवचन के बाद बुद्ध आंखे बंद किए बैठे थे। स्वामी आनंद ने जिज्ञासा व्यक्त की, तथागत, आपके सामने बैठे लोगों में सबसे सुखी कौन है? तथागत बोले कि सबसे पीछे जो सीधा-साधा या कहें फटेहाल सा ग्रामीण आंखें बंद किए बैठा है, वह सबसे ज्यादा सुखी है। यह सुनकर …

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जब गौतम बुद्ध ने बताया, कौन है सबसे सुखी

जब गौतम बुद्ध ने बताया, कौन है सबसे सुखी

एक बार भगवान बुद्ध पाटलिपुत्र में प्रवचन कर रहे थे। लोग मंत्रमुग्ध थे। प्रवचन के पहले बुद्ध ध्यानवस्था में बैठे हुए थे। तभी स्वामी आनंद ने जिज्ञासा पूर्वक पूछा, ‘तथागत आपके सामने बैठे लोगों में सबसे ज्यादा सुखी कौन?’ तथागत बोले, सबसे पीछे जो सीधा-साधा सा फटेहाल ग्रामीण आंखे बंद किए बैठा है, वह सबसे ज्यादा सुखी है। यह सुनकर …

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